सुशासन बाबू के बिहार का जंगलराज !

पलटीमार कर आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने 2024 के चुनाव में नरेन्द्र मोदी को 100 सीटों पर अटकाने का फार्मूला तो बता दिया लेकिन बिहार में लौटे जंगलराज को काबू करने का फार्मूला उनके पास नहीं। जिस दिन सुशासन बाबू लालू के लाल के साथ आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उसी दिन बाहुबली मंत्री के विरुद्ध हत्या के आरोप में वारंट जारी हुआ था। सुशासन बाबू के शपथ लेते ही रंगदारी, फौजदारी व हत्या के 6 मामले दर्ज किये गए थे।

पटना से सिर्फ 25 कि.मी. दूर जेठुली नामक स्थान में जंगलराज का जो तांडव हुआ वह नीतीश राज के सुशासन की पोल खोलने के लिए काफी है। बच्चा राय नामक एक दबंग व्यक्ति ने वाहन पार्किंग विवाद का बहाना बना कर 18 व 25 वर्ष की आयु के दो युवकों की हत्या कर दी। एक हत्या तो पुलिस की मौजूदगी में की गई। गुस्साई भीड़ ने प्रतिक्रिया स्वरूप गैरिज हॉल, मकानों, गोदाम, फैक्ट्री व जेसीबी तथा वाहनों को फूंक डाला। अफसोस शर्मनाक स्थिति यह है कि दूसरे दिन भी फायरिंग और आगजनी होती रही। सुशासन बाबू की पुलिस दुम दबाकर भाग खड़ी हुई।

बिहार के एक पत्रकार ने कहा है कि बिहार में माफिया, गुंडे, बाहुबली फिर लौट आए है। पत्रकार ने दो वीडियो यूट्यूब पर डाले हैं। एक वीडियो रोहताश जिले का है। बालू माफियाओं के सैकड़ों ट्रकों ने जी.टी. रोड को घेरा हुआ है। इन ट्रकों के कारण सड़क पर 5 कि.मी. लम्बा जाम लग गया है जिसमें मैट्रिक की परीक्षा देने वाली छात्राओं की बस फंस गई है। परीक्षा छूट जाने के डर से छात्राएं सड़क पर दौड़ती दिखाई दे रही हैं। सुशासन बाबू, जिन्हें पलटूराम कहना ज्यादा उपयुक्त होगा, की पुलिस बालू माफियाओं के आगे नत मस्तक है। वह जाम खुलवाने की जहमत क्यों उठाये? ये मोदी को 100 सीटों पर रोकने का हसीन सपना देखने वालों की असलियत है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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