भारतीय किसान यूनियन ने हरियाणा सरकार व बैंक को चेतावनी दी। करनाल जिले के गांव जलाला वीरान में उन्होंने किसान की भूमि पर कब्जा न होने देने का एलान किया। भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है कि कब्जा लेने के लिए सरकार, बैंक समय फिक्स कर ले। हम तैयार हैं, देखते हैं कैसे कब्जा लेंगे। साथ ही चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन शुरू करेंगे।
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने गांव जलाला वीरान में पहुंचकर किसान परिवार से मामले की जानकारी ली और परिवार को आश्वास्त किया कि सभी किसान और भाकियू उसके साथ है। किसी भी कीमत पर उसकी जमीन पर कब्जा नहीं होने दिया जाएगा।
जलाला वीरान गांव के किसान ऋषिपाल सिंह ने बैंक से सवा दो एकड़ पर डेयरी खोलने के लिए 11 लाख लोन लिया था। लोन नहीं चुका पाए तो ऋषिपाल की जमीन की वर्ष 2016 में बैंक ने मिलीभगत करते हुए 17 लाख रुपए में नीलामी कर दी।
चढूनी ने बताया कि इस बारे में किसान को पता भी नहीं चला। वर्ष 2016 में डीसी रेट 22 लाख रुपए था और मार्केट रेट 30 से 35 लाख रुपए रहा। ऐसे में किसान की सवा एकड़ का भाव करीब 80 लाख रुपए बनता है। बैंक, खरीदने वाला, सरकारी अधिकारी ने मिलकर ऐसा फॉड किया है। आज हम यहां पर आए हैं। सरकार को, बैंक को खुली चेतावनी है कि कब्जा करके दिखाए। यदि वहम हो तो कब्जे का समय फिक्स कर ले। हम भी तैयार हैं। देखते हैं कैसे कब्जा लेंगे।