बेंगलुरू। कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के साथ शुक्रवार को ऐसा वाक्या हुआ जिसका उन्हें अंदाजा नहीं था। दरअसल, सिद्धारमैया ने बागलकोट जिले में दो समुदायों के बीच हुई झड़प के शिकार पीड़ित को 2 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए लेकिन पीड़ित परिवार ने मुआवजा लेने से इनकार करते हुए सिद्धारमैया की कार पर पैसे फेंक दिए। इस दौरान पीड़ित परिवार की एक महिला ने कहा कि हमें न्याय चाहिए, मुआवजा या सहानुभूति नहीं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीड़ित परिवार की महिला ने कहा कि हम जो चाहते हैं वह न्याय है, कोई मुआवजा या सहानुभूति नहीं। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। मैं सिद्धारमैया या वोट मांगने आने वाले किसी भी व्यक्ति से हर दिन राहत की भीख नहीं मांग सकती हूं।
उन्होंने कहा कि घटना के बाद मेरे पति को कम से कम एक साल का बेड रेस्ट लेने की जरूरत है। ऐसे में मेरे परिवार की देखभाल कौन करेगा ? मैं जिसका अनुरोध करती हूं वह न्याय है। मुझे न्याय चाहिए, मुआवजा या सहानुभूति नहीं।
आपको बता दें कि झड़प में घायल हुए सभी चारों व्यक्तियों को 2-2 लाख रुपए मुआवजा दिया गया। हालांकि पीड़ित परिवारों ने मुआवजे की यह राशि लेने से इनकार कर दिया और कानून व्यवस्था को मजबूत करने का अनुरोध किया। यह पूरा वाक्या सिद्धारमैया के एक दौरे के चलते हुआ, जहां पर वो घायलों से मिलने के लिए अस्पताल जा रहे थे।