सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश केजरीवाल, कहा- अब दिल्ली में बड़ा बदलाव करेंगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया के सामने आए। जेब से पर्चा निकाला, चश्मा चढ़ाया और बोले- चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सभी जजों का शुक्रिया। दिल्ली के लोगों के साथ आज सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया।

करीब 15 मिनट मीडिया के सामने बोलते रहे। प्रधानमंत्री को राज्यों का पिता बताया, कहा कि एलजी से निवेदन करेंगे कि काम में टांग ना अड़ाएं। ऐलान किया कि नाकाबिल और भ्रष्टाचारी अफसरों को हटाएंगे, ईमानदारों को ऊंचे पदों पर बैठाएंगे। जनता का काम रोकने वालों को कर्म का फल भुगतना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे को उनके पद से हटा दिया। 


1. दिल्ली के लोगों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया

केजरीवाल बोले- ‘आज सुप्रीम कोर्ट का जो ऑर्डर आया है, वो कई मायनों में ऐतिहासिक ऑर्डर है। दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी जीत है। दिल्ली के लोगों के साथ जो अन्याय हुआ, उनके साथ सुप्रीम कोर्ट ने न्याय किया है।’

2. पीएम ने हमसे ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार छीने
उन्होंने कहा, ‘आज से 8 साल पहले 14 फरवरी 2015 को हमारी सरकार बनी। सरकार बनने के 3 महीने के भीतर ही प्रधानमंत्रीजी ने केंद्र सरकार से एक आदेश पारित करवाया कि दिल्ली के सर्विसेस के मामले अब मुख्यमंत्री के पास नहीं रहेंगे, केंद्र या एलजी के पास रहेंगे। मतलब यह हुआ कि दिल्ली में काम करने वाले जितने अफसर-कर्मचारी हैं, IAS से चपरासियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, अपॉइंटमेंट, पोस्ट बनाना इसका अधिकार दिल्ली सरकार के पास नहीं होगा।’

3. अफसरों के जरिए दिल्ली का काम रोका गया
केजरीवाल बोले, ‘यानी मैं मुख्यमंत्री हूं और मेरे सामने कोई रिश्वत ले रहा है तो मैं उस पर एक्शन नहीं ले सकता हूं। स्वास्थ्य और शिक्षा का सचिव कौन होगा, हम तय नहीं कर सकते थे। 8 साल हो गए, इसका इस्तेमाल करके दिल्ली के काम को रोका गया। जानबूझकर। वो ऐसा एजुकेशन सेक्रेटरी रखेंगे जो काम ना करें। अड़ंगा लगाने वालों को बनाया जाएगा। दिल्ली के हर काम को रोका गया। मेरे दोनों हाथ पीछे बांध दिए गए थे। मुझे नदी में तैरने के लिए फेंक दिया गया। ये ऊपरवाले का शुक्र है कि किसी तरह से तैरते रहे।’

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