विदेश से पंजाब में खालिस्तान की मुहिम छेड़ने वाला गुरपतवंत सिंह पन्नू, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आतंकी घोषित किया गया है, अब वह अमृतपाल सिंह के समर्थन में उतर आया है। बुधवार को उसने मीडिया कर्मियों के फोन पर भेजे एक ऑडियो मैसेज में पंजाब और अमृतपाल सिंह के मसले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चेतावनी दे डाली है। खुद को ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन का प्रमुख और लीगल एडवाइजर बताने वाले पन्नू ने अपने मैसेज में कहा है कि अगर केंद्र सरकार, अमृतपाल सिंह को लेकर पंजाब में कोई गलत कदम उठाती है या बेवजह हस्तक्षेप करती है, तो उसके लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री जिम्मेदार होंगे। साथ ही, उसने दिल्ली में ‘अंधेरा’ करने की चेतावनी दी है। पन्नू ने कहा, दिल्ली के पावर हाउस बंद कर दिए जाएंगे।
यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित
इससे पहले भी कई बार पन्नू, केंद्रीय नेताओं को धमकी दे चुका है। किसान आंदोलन के दौरान भी उसने ऐसे कई मैसेज जारी किए थे। उसके बाद पंजाब में हुई कुछ हिंसक वारदातों की जिम्मेदारी भी पन्नू के संगठन ने ली थी। पंजाब में जी20 के प्रतिनिधिमंडल को लेकर भी खालिस्तान समर्थक पन्नू, चेतावनी जारी कर चुका है। पन्नू पर पंजाब में ही करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। उस पर राजद्रोह तक के आरोप लग चुके हैं। पंजाब पुलिस, कनाडा में रह रहे पन्नू के आत्मसमर्पण के लिए प्रयासरत है। इस बाबत केंद्र के साथ मिलकर कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पन्नू की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के मद्देनजर 1 जुलाई 2020 से संशोधित यूएपीए के तहत उसे आतंकवादी घोषित कर रखा है। किसान आंदोलन में उसने लालकिले की प्राचीर पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को बड़ा ईनाम देने की घोषणा की थी।
गत वर्ष गुरपतवंत सिंह पन्नू के मामले में जब सीबीआई आगे बढ़ने का प्रयास कर रही थी, तो इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था। भारत सरकार की ओर से पन्नू के खिलाफ दूसरी बार इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की गई थी। इंटरपोल ने यह नोटिस जारी नहीं करने के पीछे एक वजह बताई थी। उसमें कहा गया था कि भारतीय जांच एजेंसियों के पास पन्नू के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसके चलते भारत की अपील को खारिज कर दिया गया। इंटरपोल की ओर से पन्नू को यूएपीए के तहत आतंकी घोषित करने पर भी सवाल उठे थे। अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन ने पन्नू की गतिविधियों को महज राजनीति से प्रेरित बताया था।
अपने संविधान के मुताबिक चले एसजीपीसी
पंजाब पुलिस ने 18 मार्च से अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए अभियान शुरु कर रखा है। अभी तक वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। वह बहुत करीब से पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। गुरपतवंत सिंह पन्नू और अमृतपाल सिंह, दोनों का मकसद ‘खालिस्तान’ की मांग को आगे बढ़ाना है। सिख प्रचारक एवं जरनैल सिंह भिंडरांवाले का समर्थक, अमृतपाल सिंह ने कहा था कि वह हर उस इंसान के साथ है, जो खालिस्तान का समर्थन करता है। एसजीपीसी को केंद्र के हिसाब से नहीं, बल्कि अपने संविधान के मुताबिक चलना चाहिए। अमेरिका और कनाडा से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में संधू ने कहा, सरकार किसी को भी आतंकी या साधु घोषित कर देती है। पन्नू, कुछ गलत नहीं कर रहा है। आज भी सब पंजाबी गुलाम हैं, जो लोग सोचते हैं कि हम आजाद हैं, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।