राष्ट्रपति के शपथ समारोह में खड़गे को नहीं मिला समुचित स्थान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों ने सरकार पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का ‘जानबूझकर अनादर’ करने का आरोप लगाया। इसको लेकर विपक्षी दलों की ओर से विरोध जताया गया है। विपक्ष की ओर से राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को इस संदर्भ में एक पत्र भी लिखा है। पत्र में कई दलों के नेताओं के हस्ताक्षर भी दिखाई दे रहे हैं। सबसे पहले इस खत को कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और के पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि इस टीएमसी सहित सभी विपक्षी दलों द्वारा राज सभा के माननीय सभापति को पत्र सौंपा है। 

पत्र में आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे को उनके पद के अनुरूप सीट पर नहीं बैठा है। विपक्ष ने इसे जानबूझकर अनादर बताया है। दूसरी ओर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि हम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का अभिनंदन करते हैं। एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बनी हैं, इसकी हमें खुशी है। उनका कार्यकाल अच्छा हो वो लोकतंत्र, संविधान, सच्चाई की हिफाजत करें और जो आज देश में गड़बड़ी हो रही है उसको संज्ञान में लें। आपको बता दें कि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। 

द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई राज्यों के राज्यपाल मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। मुर्मू ने हिन्दी में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों के प्रतीक इस पवित्र संसद भवन से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूँ। आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।

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