खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय, गांधी परिवार और जी-23 का साथ

कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गैर गांधी परिवार व दक्षिण भारत से होगा। कर्नाटक के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खरगे का नया पार्टी अध्यक्ष बनना तय है। हालांकि, चुनाव में उनका मुकाबला  सांसद शशि थरूर से होगा। अचानक ही पद की दौड़ में शामिल हुए खरगे का जी-23 के नेताओं ने भी समर्थन किया है।

खरगे ने नामांकन के तीन सेट दाखिल किए, जिनमें इन नाराज नेताओं और एक दिन पहले तक अध्यक्ष पद के दावेदार दिग्विजय सिंह व अशोक गहलोत समेत 30 वरिष्ठ नेता उनके प्रस्तावक बने हैं। नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार तक सियासी नाटक जारी रहा।

पांच दशक से गांधी परिवार के विश्वासपात्र खरगे सुबह 11 बजे से पहले सोनिया गांधी के घर पहुंचे, वहां से सीधे पार्टी मुख्यालय जाकर अध्यक्ष पद का परचा भरा। उनके पहले थरूर परचा भरकर जा चुके थे। झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने भी परचा भरा है, पर उनकी दावेदारी गंभीर नहीं मानी जा रही।

मैं पार्टी में बड़े बदलाव के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मैं सभी से वोट देने की अपील करता हूं। सभी राज्यों से मुझे समर्थन देने वाले वरिष्ठ नेताओं का भी धन्यवाद। -मल्लिकार्जुन खरगे

भरोसे पर खरे खरगे
गहलोत समर्थकों की बगावत के बाद गांधी परिवार के भरोसे पर दलित नेता खरगे खरे उतरे। हालांकि, कांग्रेस का कहना है, चुनाव में कोई अधिकृत प्रत्याशी नहीं है। सोनिया गांधी खुद को पहले ही तटस्थ बता चुकी हैं।

  • पर, यह तय था कि परिवार के समर्थन के बिना कोई अध्यक्ष नहीं बन पाएगा। इसीलिए नामांकन से पहले एक व्यक्ति-एक पद का प्रश्न भी नहीं उठा। खरगे को जी-23 के नेताओं का जिस तरह समर्थन मिला, उससे उन्होंने विश्वास की पहली सीढ़ी और मजबूत कर ली है।
  • खरगे का नाम आते ही दिग्विजय पीछे हट गए। कहा-उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की सपने में भी नहीं सोच सकता। ऐसे में चुनाव अब औपचारिकता भर रह गई है। वैसे नए अध्यक्ष की अधिकृत घोषणा 19 अक्तूबर को होगी।

खरगे भीष्म पितामह
खरगे भीष्म पितामह हैं। उनके लिए पूरा सम्मान है लेकिन मैं अपने विचार प्रमुखता से रखूंगा। मैं पार्टी में बदलाव के लिए अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहा हूं। यह चुनाव एक मित्रवत प्रतिस्पर्धा है। -शशि थरूर (परचा दाखिल करने के दौरान)

परचा भरते ही विवाद : थरूर के घोषणा पत्र में गलत नक्शा
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल करते ही वरिष्ठ नेता शशि थरूर विवादों में घिर गए। थरूर ने नामांकन के तुरंत बाद अपना घोषणा पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने भारत का खंडित नक्शा दिखाया। इस नक्शे में जम्मू कश्मीर का कुछ भाग और लद्दाख को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया। थरूर ने घोषणा पत्र में संगठन के विकेंद्रीकरण की बात की है।

थरूर ने हालांकि पता चलते ही इस गलती को सुधार किया और सही नक्शे वाले घोषणा पत्र को दोबारा जारी किया। यह पहला मौका नहीं है जब लोकसभा सांसद ने भारत का खंडित नक्शा जारी किया है। इससे पहले 2019 में थरूर ने एक खंडित नक्शा ट्वीट किया था जिससे देश का सबसे उत्तरी क्षेत्र गायब था। दिसंबर 2019 में, उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ केरल कांग्रेस के विरोध के बारे में एक पुस्तिका का कवर साझा किया। बाद में अपनी गलती सुधारते हुए उन्होंने ट्वीट को हटाया था।

क्या खरगे पर भी लागू होगा ‘एक व्यक्ति-एक पद’
क्या एक व्यक्ति एक पद खरगे पर भी लागू होगा। इस फार्मूले के तहत अशोक गहलोत को पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा गया था। ऐसे में क्या नामांकन दाखिल कर चुके खरगे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देंगे?

भाजपा ने कहा, गांधी परिवार को खुश करने के लिए थरूर ने भारत का खंडित नक्शा रखा
घोषणा पत्र में भारत का खंडित नक्शा रखने के मामले में हमला बोलते हुए भाजपा ने कहा, शशि थरूर ने गांधी परिवार को खुश करने के लिए ऐसा किया। अमित मालवीय ने कहा, जहां राहुल गांधी कथित तौर पर भारत जोड़ी यात्रा पर हैं, वहीं कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के लिए मैदान में उतरे थरूर भारत को तोड़ने पर तुले हुए हैं। संभव है कि उन्हें लगता है कि इससे गांधी परिवार का पक्ष लेने में मदद मिल सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, यह कोई गलती नहीं है बल्कि जम्मू-कश्मीर के बारे में कांग्रेस की नीति है।

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