- पहले पकड़े सीए को दिखाई आरोपी की तस्वीरें तो उससे क्लीयर हुआ मामला और पकड़ा गया
158 करोड़ के फर्जी दस्तावेज तैयार कर 21.59 करोड़ की जाली इनपुट टैक्स क्रेडिट का फ्रार्ड करने वाले किंगपिन को सेंट्रल जीएसटी टीम ने शनिवार की देर रात नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। जिसकी पहचान राकेश अरोड़ा उर्फ धर्मिंदर उर्फ राजा भईया के रूप में हुई है। विभाग के अधिकारियों को आरोपी से कुछ दस्तावेज भी मिले है, जिसकी पड़ताल की जा रही है।
लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी के बाद फर्जी दस्तावेजों का बड़ा नेटवर्क ब्रेक हुआ है। सेंट्रल जीएसटी के प्रिंसिपल कमिश्नर बरानवाल ने प्रेस नोट के जरिए बताया कि उन्हें शनिवार को आरोपी राकेश के बारे में क्लीयर हो गया था कि वो ही फर्जी आईटीसी का मास्टरमाइंड है। जिसे देखते हुए सबूत जुटाकर उन्होंने नोएडा में रेड की। जहां से उसे काबू कर लिया। इससे पहले तीन लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है। जिसमें सीए, प्राइवेट अकाउंटेंट और पार्टनर शामिल थे।
उनके मुताबिक सीए अंकुर गर्ग को अरेस्ट करने के बाद उन्हें होटल पार्क प्लाजा में दो साल पहले रूकने वाले गैस्ट की कुछ तस्वीरें व दस्तावेज दिखाए, लेकिन उन्होंने कोई तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया। टीम ने आरोपी के होटल में रूकने के दौरान इस्तेमाल किए अलग-अलग दस्तावेजों को जुटाया। किसी में राकेश अरोड़ा, किसी में धर्मिंदर और किसी में राजा भईया का इस्तेमाल किया गया था। टीम को शक था और आरोपी की गिरफ्तारी के बाद वो क्लीयर हो गया।
ये था मामला
मैसर्स ला मोड फैशन और मैसर्स मुरारी एंटरप्राइसेज समेत तीन फर्मों पर फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड लगाकर आरोपियों ने 158 करोड़ की फर्जी बिलिंग कर डाली। जिसके जरिए 21.59 करोड़ की नकली आईटीसी क्लेम कर उसका फायदा ले चुके हंै। जिसमें सीए, अकाउंटेंट और पार्टनर उसका साथ देते थे। जब टीम ने इंवेस्टिगेशन की तो सारा नेक्सिस क्रैक हो गया। मुख्य आरोपी के पकड़े जाने से मामले में और भी बड़ा खुलासा सामने आ सकता है।