धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। इस साल दो नवंबर को ये पर्व मनाया जा रहा है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। जानिए पूजा की विधि, अभिजीत मुहूर्त और पूजन शुभ मुहूर्त।
धनतेरस की शुरुआत 02 नवंबर 2021, मंगलवार को होगी। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06:18 से 08:11 तक है। धनतेरस पर अभिजीत मुहूर्त, गोधूलि मुहूर्त पर खरीददारी की जाती है। अभिजीत मुहूर्त- 11:42 AM से 12:26 AM तक है। गोधूलि मुहूर्त – 05:05 से 05:29 शाम तक है। वहीं, निशिता मुहूर्त – रात 11:16 से 12:07 बजे तक है। धनतेरस के दिन बर्तन, सोना-चांदी, गहने और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस का प्रदोष काल दो नवंबर 2021 शाम 05:35 से 08:11 तक है। वहीं, वृषभ काल शाम 06:18 से शाम 08:14 तक है। पूजा विधि की बात करें तो धनतेरस के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर धनतेरस पूजा की तैयारी शुरू करें। पूजा की तैयारी करने के बाद घर के ईशान कोण में धन्वंतरी भगवान की पूजा करें। पूजा करते समय अपने मुंह को हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखें।
16 क्रियाओं में करें पूजा
पूजा करते समय पंचदेव यानी भगवान सूर्य, भगवान गणेश, माता दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार की पूजा करें यानी 16 क्रियाओं से पूजा करें। पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं।
पूजा समापन करने के बाद धन्वंतरी देवता के सामने धूप, दीप, हल्दी, कुमकुम, चंदन, चावल और फूल चढ़ाकर उनके मंत्र का उच्चारण करते हुए जाप करें।प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीया जलाएं। एक दीया यम देवता के नाम का भी जलाएं।