राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को दिल्ली में जनरल विपिन रावत मेमोरियल आख्यान (लेक्चर) में भाग लिया। गौरतलब है कि आज ही के दिन 66 साल पहले दिवंगत जनरल बिपिन रावत का उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्म हुआ था। वह देश के पहले सीडीएस थे।
इस मौके पर सीडीएस अनिल चौहान ने कहा, “जनरल बिपिन रावत और मैं एक ही रेजिमेंट से थे, लेकिन बटालियन अलग-अलग थी। मैंने सशस्त्र बलों के दूसरे सीडीएस के रूप में उनका अनुसरण किया, फिर मेरा काम थोड़ा आसान हुआ। उन्होंने (सशस्त्र बलों में) सुधारों का शुरुआती सेट तय किया था। यह मुझे उनके विचारों को मजूबत नीतियों में बदलने और मील के पत्थर को तय करने में मदद करता है।”
उन्होंने कहा कि हम देश के पहले सीडीएस के रूप में जनरल बिपिन रावत के द्वारा किए गए प्रयासों को जारी रखेंगे। लेकिन जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो यह यही भारत सरकार थी जिसने सीडीएस के पद की घोषणा करके और सैन्य मामलों के विभाग को बनाकर सुधारों को रास्ता अपनाया। यह एक महत्वपूर्ण घोषणा थी और इसे सुधारों का शुरुआती बिंदु कहा जा सकता है।
जनरल चौहान ने कहा, मैं वहीं करने की कोशिश कर रहा हूं, जो जनरल बिपिन रावत ने शुरू किया था। इस साल मैं तीनों सेनाओं में साझा रूप से काम करने की संस्कृति को विकसित करने पर काम कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा, भारत का अमृतकाल आ गया है। विकसित भारत को सशक्त भारत बनाना है। हमें भविष्य के लिए तैयार सशस्त्र बल बनना होगा।