लॉरेंस बिश्नोई ने कबूली अपनी टॉप 10 टारगेट लिस्ट, सलमान खान का नाम सबसे ऊपर

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपनी टॉप 10 टारगेट सूची का खुलासा किया है। इस सूची में अभिनेता सलमान खान का नाम सबसे ऊपर है। वहीं दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत सिंह का भी नाम शामिल है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की सामने उसने कबूल किया है कि उसने इन 10 लोगों को खत्म करने की योजना बनाई थी। 

लॉरेंस बिश्नोई ने कहा कि वर्ष 1998 में सलमान खान ने काले हिरण का शिकार किया था। बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है। समुदाय की आहत भावनाओं का बदला लेने के लिए वह सलमान खान को मारना चाहता था। बिश्नोई ने पिछले साल दिसंबर में एनआईए के सामने कबूल किया था कि उनके निर्देश पर उनके सहयोगी संपत नेहरा ने सलमान खान के मुंबई स्थित आवास की रेकी की थी। नेहरा को हालांकि हरियाणा पुलिस के विशेष कार्य बल ने गिरफ्तार कर लिया था।

धमकी मिलने के बाद बढ़ाई गई सलमान की सुरक्षा
बता दें कि इस साल 11 अप्रैल को सलमान खान को एक धमकी भरी कॉल आई थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। उस पर अभिनेता को धमकी भरा ईमेल भेजने का आरोप है। वहीं सलमान खान से जुड़ा एक धमकी भरा पत्र भी मिला था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने सलमान खान की सुरक्षा बढ़ाकर वाई प्लस श्रेणी की कर दी थी।बांद्रा में बिश्नोई के खिलाफ केस
मुंबई पुलिस ने अभिनेता सलमान खान के कार्यालय को कथित रूप से धमकी भरे ईमेल भेजने के मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और रोहित गर्ग के खिलाफ केस दर्ज किया है। बांद्रा पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 (2), 120 (बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

अयोध्या के विकास सिंह ने गुर्गों को दी शरण
इस बीच बिश्नोई ने अपने कबूलनामे में कहा कि वह सलमान खान के अलावा दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर शगुनप्रीत को भी निशाना बना रहे थे। बिश्नोई ने कहा कि शगुनप्रीत उनकी हिट लिस्ट में था। शगुनप्रीत पर विक्की मिड्डूखेड़ा के हत्यारोपियों को पनाह देने का आरोप है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ ने दावा किया था कि उसने विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लिया है। बिश्नोई ने एनआईए के सामने कबूल किया कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या के विकास सिंह ने गिरोह के गुर्गों को बाद में शरण दी। 

अमेरिका से मंगवाई थी जिगाना पिस्तौल
लॉरेंस बिश्नोई ने कबूल किया है कि उसने वर्ष 2021 में कुख्यात गोगी गिरोह के लिए गोल्डी बराड़ के माध्यम से अमेरिका से दो ‘जिगाना’ पिस्तौल खरीदी थीं। गिरोह के सदस्यों ने इस साल अप्रैल में तिहाड़ जेल की कोठरी के अंदर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी। कनाडा बैठे गोल्डी बराड़ ने ताजपुरिया की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।

अब इंटेलीजेंस एजेंसियों को शक है कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या में इसी जिगाना पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया है। जिसे लॉरेंस बिश्नोई ने मुहैया करवाई थी। बता दें कि पुलिस की मौजूदगी में 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में एक अस्पताल ले जाते समय अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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