लेवाना अग्निकांड : एलडीए के 22 इंजीनियरों पर हुई कार्रवाई

लखनऊ में  हजरतगंज स्थित होटल लेवाना सूइट्स में हुए अग्निकांड के मामले में एलडीए के 22 इंजीनियरों पर कार्रवाई की संस्तुति हो गई है। साथ ही, होटल परिसर को सील करने का आदेश दिए हैं।  एलडीए उपाध्यक्ष डॉ0 इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि स्थल पर अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। प्रकरण की प्रारंभिक जांच में यह उजागर हुआ है कि बिल्डर द्वारा प्राधिकरण में फ र्जी शपथ पत्र देकर आवासीय भूखंड में व्यावसायिक निर्माण कराया गया था। इसके आधार पर प्राधिकरण की तरफ से मेसर्स बंसल कंस्ट्रक्शन के प्रतिनिधि मुकेश जसनानी व उनके साझेदारों के खिलाफ  हजरतगंज कोतवाली में एफ आईआर दर्ज करायी जा रही है।  

उपाध्यक्ष ने बताया कि जिनके खिलाफ जांच शुरू हुई, उनमें जोनल अधिकारी /अधिशासी अभियंता अरूण कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) ओपी मिश्रा (सेवानिवृत्त), अधीक्षण अभियंता जहीरूद्दीन, कमलजीत सिंह (मुख्य अभियंता अयोध्या नगर निगम), सहायक अभियंता ओपी गुप्ता, राकेश मोहन,  राधेश्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेंद्र सिंह, इस्माइल खान, अवर अभियंता राजीव कुमार श्रीवास्तव, जेएन दुबे, जीडी सिंह, रवींद्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, मो0 इस्माइल खान, अनिल मिश्रा, पीके गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अंबरीश शर्मा व रंगनाथ सिंह कमेटी की जांच की परिधि में आ गये हैं।

6400 वर्ग फीट पर बना होटल
उपाध्यक्ष ने बताया कि मुकेश जसनानी व अन्य द्वारा हजरतगंज स्थित मदन मोहन मालवीय मार्ग पर लगभग 6400 वर्ग फुट क्षेत्रफ ल के भूखंड पर बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल एवं तृतीय तल का निर्माण करके परिसर में लेवाना सूइट्स नाम से होटल का संचालन किया जा रहा था। ज्ञातव्य है कि पूर्व में विपक्षी द्वारा प्राधिकरण में यह शपथ पत्र दिया गया था कि कम्पाउंड का भू.उपयोग आवासीय गतिविधि में किया जाएगा। लेकिन, विपक्षी द्वारा धोखाधड़ी करते हुए परिसर का होटल के रूप में व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। इस पर जोनल अधिकारी द्वारा 7 मई 2022 को होटल लेवाना सूइट्स को नोटिस निर्गत किया गया।

ये करेंगे जांच
उपाध्यक्ष ने बताया कि जांच के लिए सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह व मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल की समिति गठित की गयी है। कमेटी द्वारा दी गयी रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्र में 2 जुलाई 2017 से तैनात रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को बिल्डर के साथ दुरभि संधि करते हुए प्रश्नगत स्थल पर अवैध निर्माण के विरूद्ध कार्रवाई न करने का जिम्मेदार पाया गया है।

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