LIVE: प्रदर्शन का 38वां दिन,23 जनवरी को किसानो का गवर्नर हाउस पर मार्च

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आज 37 दिन पूरे हो चुके हैं. केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई चरणों की बातचीत के बात भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है. किसान अभी भी कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. वहीं सरकार भी कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. पढ़ें किसान आंदोलन के 38वें दिन की हर ताजा अपडेट

’26 जनवरी तक मांगे नहीं मानी तो दिल्ली में घुसने को मजबूर होंगे किसान’

स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर 26 जनवरी तक हमारी बातें नहीं सुलझती तो दिल्ली के तमाम मोर्चों से किसान दिल्ली के अंदर घुसकर अपनी किसान गणतंत्र परेड करने के लिए मजबूर होंगे.

23 जनवरी को किसान सभी राज्यों के गवर्नर हाउस पर करेंगे मार्च

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने ऐलान किया कि 23 जनवरी को हम विभिन्न राज्यों में गवर्नर हाउस पर मार्च करेंगे. उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को दिल्ली में ‘ट्रैक्टर किसान परेड’ आयोजित की जाएगी.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बोले-4 जनवरी की बैठक में निकलेगा हल

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिस सकारात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई है तो मुझे आशा है कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में हल निकलेगा और ये आंदोलन भी खत्म हो जाएगा.

घटनास्थल पर ही अंतिम संस्कार की मांग

भारतीय किसान यूनियन के नेता धरनास्थल पर ही मृतक किसान के अंतिम संस्कार करने की मांग पर अड़ गए हैं.पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.

किसान ने शौचालय में की आत्महत्या

गाजियाबाद के यूपी गेट पर किसानों के आंदोलन का आज 38वां दिन है. खबर है कि एक किसान ने शौचालय में आत्महत्या कर दी है. बताया जा रहा है कि मृतक किसान ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है. मृतक किसान का नाम 75 वर्षीय कश्मीर सिंह उत्तराखंड का निवासी बताया जा रहा है.

दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

शनिवार को दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में हुई हल्की बारिश ने आंदोलनरत किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पिछले कुछ दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड के बाद अब बारिश से धरने पर बैठे किसानों पर दोहरी मार पड़ी है.

38वें दिन भी जारी किसान प्रदर्शन

नए केंद्रीय कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज यानी शनिवार को 38वां दिन है. 4 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच चर्चा होनी है.

देशभर के 850 से ज्यादा शिक्षाविदों ने किया नए कृषि कानूनों का समर्थ

नदेश के अलग-अलग हिस्सों के 850 से अधिक शिक्षाविदों ने नए कृषि सुधारों का समर्थन करते हुए कहा है कि ये सुधार कृषि व्यापार को प्रतिबंधों से मुक्त करने और किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर अपनी उपज बेचने में सक्षम बनाने का प्रयास करते हैं. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए पूर्ण स्वायत्तता प्रदान करते हैं. हम किसानों को अपनी आजीविका की सुरक्षा के लिए सरकार के आश्वासन पर पूरा विश्वास करते हैं. सरकार अभी भी न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के सिद्धांत को देने के लिए प्रतिबद्ध है.”

अगर 4 जनवरी को नहीं हुआ फैसला तो 6 जनवरी को निकालेंगे ट्रैक्टर रैली

शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि 4 जनवरी को किसानों और सरकार की बैठक में अगर कोई फैसला नहीं होता है तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और 6 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी.

किसानों के समर्थन में CITU, सिलिगुड़ी में किया प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU) के कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया. एक कार्यकर्ता ने इस मौके पर कहा, “हम बीजेपी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं. जिस तरह से बिल पास किया गया था उससे एक खतरनाक मिसाल कायम की गई है. हम किसानों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे.”

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