कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 34वां दिन है. कल यानी सोमवार को यह तय हुआ है कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत 30 दिसंबर को होगी. इसके लिए किसान और सरकार दोनों ही पक्ष मान गए हैं
25 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों पर दिया समर्थन- कृषि मंत्री
कल एक बार दिल्ली में एक बार फिर लगभग 25 किसान संगठनों के नेताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों के समर्थन में एक पत्र भी सौंपा. इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि इन किसानों के समर्थन और समझ के साथ ही इन कानूनों को बरकरार रखा जाएगा और दूसरे किसानों को भी समझाने में सफलता मिलेगी.
राजनीतिक रोटियां सेक रहीं राजीनीतिक पार्टियां – कैलाश चौधरी
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कल कहा कि UPA सरकार में पूरे देश का कृषि बजट सिर्फ़ 15,000 करोड़ रुपए था, नरेंद्र मोदी सरकार में कृषि बजट बढ़ाकर 1,35,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है. लेकिन कुछ लोगों द्वारा अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए किसानों को भ्रमित किया जा रहा है.
वार्ता विफल होने से ग्रामीण भारत में बढ़ेगी अशांति – सीताराम येचुरी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कल कहा कि बार-बार विफलताओं वार्ता की से ग्रामीण भारत में अशांति बढ़ेगी. हम वास्तव में हजारों वृद्ध किसानों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, जो राजधानी की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. ठंड में ठिठुरने से अब तक 40 किसानों की मौत हो चुकी है. इसलिए इस गतिरोध को खत्म किया जाना महत्वपूर्ण है. मेरा अनुरोध है कि सरकार को सभी हितधारकों को बुलाना चाहिए. उनके साथ खुले तौर पर मुद्दों पर चर्चा करें और उनकी मांगों को स्वीकार करें.