LIVE: राकेश टिकैत को मिला सुखबीर सिंह बादल का साथ, कहा- पीछे मत हटना

दो महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के तीन प्रमुख केंद्रों में से एक सिंघु बॉर्डर पर पुलिस के साथ टकराव के बाद अब सिंघु बॉर्डर किले में तब्दील हो चुका है. वहीं गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है. किसान प्रदर्शन से जुड़े अपडेट्स के लिए बने रहें दैनिक देहात के साथ…

हमें आशा है, केंद्र सरकार किसानों से बात करेगीः केसी त्यागी

JDU नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री की उस बात का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने किसान संगठनों के साथ बातचीत करने की बात दोहराई है. हमें आशा है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी.’

हरियाणा के 17 जिलों में रहेगा इंटरनेट बंद

हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. इसमें अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल व झज्जर और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को 01 फरवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बंद करने का निर्णय हरियाणा सरकार ने लिया है.

अगर 370 न हटता तो जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते कानूनः महबूबा

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा, ‘दिल्ली में कृषि कानून पास हुआ. अगर अनुच्छेद 370 हमारे पास होता तो नए कृषि कानून जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होते. हमारे यहां वही कानून लागू होता जो हम चाहते, जो दिल्ली चाहती वह यहां लागू नहीं होता.’

किसानों ने जैसा आंदोलन किया उसकी जरूरत नहीं थीः सीएम खट्टर

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हमने पूरा साल कोरोना में बिताया. छात्रों की कक्षाओं सहित सब कुछ डिजिटल हो गया. मेरा मानना है कि सरकार ने 26 जनवरी के बाद स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए, लेकिन सेवाएं बहाल की जा रही हैं. प्रधानमंत्री ने फिर से कहा है कि किसानों से वार्ता के लिए संभावनाएं खुली. किसानों और उनके नेताओं द्वारा जिस तरह का आंदोलन चलाया गया है उसकी जरूरत नहीं थी. लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता होती है. प्रधानमंत्री ने खुद बातचीत की पेशकश की है. मुझे लगता है समाधान निकल जाएगा.’

जब तक कानून वापस न हो, तब हटना नहींः सुखबीर सिंह बादल

गाजीपुर बॉर्डर अब किसानों के साथ साथ राजनेताओं का भी मंच बनता जा रहा है. अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और टिकैत को सम्मान के रूप में तलवार भेट की. इसके अलावा अपने साथ लाए गए पानी को भी पिलाया. इस दौरान बादल ने कहा, ‘मैं आज समूचे देश के किसानों की तरफ से राकेश टिकैत को बधाई देने आया था, मेरे पिता प्रकाश सिंह बादल और इनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत ने साथ में मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ी, हमारी पार्टी और सारे किसान इनके साथ हैं. प्रधानमंत्री को किसानों के मन की बात सुननी चाहिए, जब तक कानून वापस न हों तब तक हटना नहीं. सरकार इस लड़ाई को एक धर्म की लड़ाई बताना चाहती है लेकिन ये पूरे देश की लड़ाई है.’

गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर (दिल्ली-उत्तर प्रदेश) बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी है. किसानों की संख्या में इजाफा हुआ है.

राकेश टिकैत से मिलने पहुंचे सुखबीर सिंह बादल

अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं. किसान एक बार फिर आंदोलन को खड़ा करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

शुरू हुई खापों की महापंचायत

महापंचायत शुरू हो गई है. कोई बड़ा चेहरा पंचायत में नही पहुंचा है. नरेश टिकैत के बेटे के आने की बात थी वो भी अब तक नही पहुंचे हैं. दो हजार के आस पास भीड़ के होने का दावा किया जा रहा है. खापो में देश की खापों के मुखिया सुरेंद्र चौधरी, चौबीसी खाप , थांबा खाप, राठी खाप, पंवार खाप के लोग आए हैं. चौहान खाप, धामा खाप, मलिक खाप, धनकड़ खाप के लोग भी शामिल हैं. आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी मौजूद हैं. किसान यूनियन सवित मलिक भी मौजूद हैं.

राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर आ रहे हैं सुखबीर सिंह बादल

अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने वाले हैं. वहीं बागपत में खाप पंचायत भी शुरू होने वाली है. खाप पंचायत में स्थानीय किसान नेता, कांग्रेस और RLD के स्थानीय नेता और समर्थक भी वहां पहुंचे हैं.

दबाव में कोई समझौता नहीं होगा: टिकैत

प्रधानमंत्री के बयान के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि दबाव में कोई समझौता नहीं होगा. हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे, प्रधान मंत्री भी हमारे हैं, हम उनकी पहल के लिए आभारी हैं, हम इसका सम्मान करेंगे. हम चाहते हैं कि हमारे लोग रिहा हों.

दवाब में किसी फैसले से सहमत नहीं होंगे: नरेश टिकैत

नरेश टिकैत का कहना है कि सरकार हमारे लोगों को छोड़े और बातचीत के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करे. हमें एक सम्मानजनक नतीजे पर पहुंचना होगा. हम दवाब में किसी फैसले पर सहमत नहीं होंगे. टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर न्यूज एजेंसी से बातचीत में ये कहा है.

हम नहीं चाहते कि सरकार किसान के आगे झुके, लेकिन उसके सम्मान की रक्षा करे: नरेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि वो नहीं चाहते कि सरकार और संसद उनके सामने झुके, लेकिन वो किसान के आत्मसम्मान की भी रक्षा करे. इसी के साथ नरेश टिकैत ने दो टूक कहा कि 26 जनवरी को जो हिंसा हुई वो साजिश का नतीजा थी और उसकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई भी तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता.

पुलिस हमें जाने नहीं दे रही, हमारा नुकसान हो रहा है- स्थानीय लोग

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन की वजह से बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. एक व्यक्ति ने बताया, “मैं दिल्ली से आ रहा हूं और कुंडली में काम करता हूं. पुलिस हमें जाने नहीं दे रही है. प्रदर्शन की वजह से हमारा नुकसान हो रहा है.”

किसानों और सरकार की बैठक 2 फरवरी को

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता पटरी पर लौटती दिख रही है। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद वार्ता में गतिरोध पैदा गया था, लेकिन सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बाद अगली बैठक अब 2 फरवरी को तय की गई है।

बड़ौत की महापंचायत में नरेश टिकैत नहीं होंगे शामिल

बड़ौत में होनी वाली महापंचायत में नरेश टिकैत शामिल नहीं होंगे. नरेश टिकैत के बेटे गौरव टिकैत उनकी जगह पंचायत में मौजूद रहेंगे.

बिना अनुमति बुलाई महापंचायत, बागपत में पुलिस-किसान टकराव की आशंका

कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को बागपत की बड़ौत तहसील परिसर में सर्वखाप महापंचायत बुलाई गई है. महापंचायत को देखते हुए तहसील परिसर में मौजूद पुलिस के अधिकारियों ने बताया है कि प्रशासन ने पंचायत की अनुमति नहीं दी है. इससे पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच टकराव की आशंका है. पंचायत के मद्देनजर दो कंपनी RAF, पांच कंपनी PAC और CO जितेंद्र तोमर को तैनात किया गया है. दोपहर करीब 1 बजे महापंचायत होगी.

सिंघु बॉर्डर पूरी तरह बंद, अब पैदल भी नहीं पहुंच सकता कोई

सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़प की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने एहतियात तौर पर सिंघु बॉर्डर के बैरिकेड को और आगे ढाई किलोमीटर बढ़ा दिया है और पहले से बंद बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दिया है. पुलिस ने सिंघु बॉर्डर की तरफ जाने वाले रास्ते को आम जनता के पैदल जाने के लिए भी बंद कर दिया है. अब यहां से आगे न तो कोई पैदल जा सकता है और न ही किसी वाहन से.

लुधियाना: प्रदर्शनकारियों ने रोकी BJP की तिरंगा यात्रा

पंजाब के लुधियाना में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ तिरंगा मार्च निकालने की योजना बनाई. हालांकि व्यापारियों और दुकानदारों के एक समूह ने उनका रास्ता रोकते हुए किसानों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी. माहौल के तनावपूर्ण होने के बाद बीजेपी ने अपनी तिरंगा यात्रा स्थगित कर दी.

गाज़ीपुर बाॅर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात


गाज़ीपुर बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 65वें दिन भी जारी है। इसे देखते हुए बॉर्डर पर पुलिस बल तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को राजधानी में जाने से रोकने के लिए सख्ती बढ़ी दी है। गाजीपुर बॉर्डर को किले में तब्दील किया गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस ने 12 लेयर की बैरिकेडिंग की है। इसके साथ ही नुकीले तार भी लगाए हैं। नेशनल हाईवे 24 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। 

दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का 67वां दिन

दिल्ली में चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 67वां दिन है. पिछले दिनों सुरक्षाकर्मियों के साथ हुए टकराव के बाद सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ा दी गई है. सिंघु बॉर्डर किसान प्रदर्शन के प्रमुख स्थानों में से एक है.

क्राइम ब्रांच को मिलीं 26 जनवरी हिंसा से जुड़ी 1700 वीडियो क्लिप्स

दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर काम शुरू कर दिया है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक अब तक कुल 38 FIR दर्ज की गई हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को हिंसा से जुड़ी 1700 से वीडियो क्लिप्स मिली हैं, जिनमें जनता से जुटाई गई मोबाइल क्लिप्स और CCTV फुटेज शामिल है.

ट्रैक्टर समेत पंजाब से टिकरी बॉर्डर पहुंच रही हैं 700 गाड़ियां

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को और बल देने के लिए रविवार को पंजाब से 700 गाड़ियां दिल्ली के टिकरी बॉर्डर की ओर रवाना होंगी. इन गाड़ियों में ट्रैक्टर-ट्रॉली, कार और बस भी शामिल हैं.

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