नगर निकाय चुनाव में बरेली में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा तो उसका फायदा जिलाध्यक्ष पवन शर्मा के हिस्से में आया। उन्हें पार्टी ने फिर से बरेली की कमान सौंपी। इससे पहले उन्हें अक्तूबर 2019 में जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली थी। उससे पहले वह जिला महामंत्री रहे थे।
महानगर में डॉ. केएम अरोड़ा की जगह अधीर सक्सेना को अध्यक्ष बनाया गया है। अधीर सक्सेना, केएम अरोड़ा की टीम में महामंत्री थे और महानगर अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था। महानगर में बदलाव की बड़ी वजह टीम के आपसी मनमुटाव को माना जा रहा है। महानगर टीम के लगभग सभी पदाधिकारियों ने अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था। हालांकि, केएम अरोड़ा का यह दूसरा कार्यकाल भी था। यह भी कहा जा रहा है कि अधीर सक्सेना को बृजक्षेत्र के एक पदाधिकारी के करीबी होने का फायदा मिला है।
आंवला में इसलिए माना जा रहा बदलाव
आंवला में हुए बदलाव को नगर निकाय चुनाव में हुए नुकसान से जोड़कर देखा जा रहा है। आंवला में छह सीटें थी और पार्टी सभी पर हार गई थी। जबकि आंवला क्षेत्र में ही एक एमएलसी, दो विधायक और एक कैबिनेट मंत्री भी हैं। आंवला में वीरपाल सिंह की जगह भाजपा ने आदेश प्रताप सिंह को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। आदेश प्रताप सिंह इससे पहले बरेली में जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री रह चुके हैं। युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी सक्रियता का फायदा उन्हें मिला है। विधानसभा चुनाव में उन्हें शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया। यह सीट काफी समय से भाजपा के पास नहीं थी। भाजपा ने यहां चुनाव जीता तो कहीं न कहीं इसका फायदा भी उन्हें मिला।
नवनियुक्त अध्यक्षों का हुआ स्वागत
पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने भाजपा के बरेली जिलाध्यक्ष पवन शर्मा, आंवला के आदेश प्रताप सिंह और महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना को माला, पटका पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान भाजयुमो के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत अवस्थी, जिला मीडिया प्रभारी अंकित महेश्वरी, डॉ. केएम अरोड़ा, महानगर मीडिया प्रभारी बंटी ठाकुर, देवेंद्र जोशी समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।