दिल्ली में फिल्म ‘स्पेशल 26’ जैसी लूट, मुस्लिम धर्मगुरु समेत 7 दबोचे

दिल्ली पुलिस ने बॉलीवुड फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर राजधानी के सुभाष प्लेस स्थित एक कॉल सेंटर में छापा मारकर करीब आठ लाख रुपये की लूट की वारदात के मामले महज 24 घंटे में ही सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में नूंह नगर पंचायत अध्यक्ष और मेवात के एक मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय बीज निगम जयपुर के जेई समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

डीसीपी (उत्तर-पश्चिम जिला) ऊषा रंगनानी ने बताया कि 10 अगस्त को यह वारदात हुई थी। पीड़ित कॉल सेंटर संचालक विजय यादव ने बताया कि एक युवती समेत चार लोग उनके दफ्तर में घुस आए और खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए जांच के नाम पर उन्हें बंधक बनाकर लूटपाट की। विजय यादव एक वेलनेस सेंटर संचालक जो हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन सप्लाई करता है। 

पीड़ित की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर स्पेशल स्टाफ इंस्पेक्टर अमित तिवारी की देखरेख में एसआई कुलदीप की टीम गठित की गई। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में गिरोह के चार सदस्य बाहर खड़े नजर आए। हेड कॉन्स्टेबल सोमवीर को एक फुटेज मिली, जिसमें एक आरोपी फोन पर बात करता नजर आया। इसके बाद निश्चित समय की कॉल डिटेल की जांच कर पुलिस ने भलस्वा से प्रशांत पाटिल को 11 अगस्त को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर रोहिणी से वारदात में शामिल नेहा और ज्योति को पकड़ा गया। इनके पास से वारदात में फर्जी पुलिस पहचानपत्र समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

एसीपी सतीश मलिक की देखरेख में इंस्पेक्टर आनंद सिंह, इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार और इंस्पेक्टर परमेंद्र की 26 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को मेवात में छापा मारकर जाहिद को दबोच लिया। फिर संजय मनोचा को शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया। वहीं, इंस्पेक्टर विजेंद्र नागर की टीम ने भोपाल से फैसल और इमरान को पकड़ा। फिलहाल एक आरोपी अभी भी फरार है।

ईरानी गिरोह के सदस्य भी शामिल

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रशांत राष्ट्रीय बीज निगम जयपुर में बतौर जेई तैनात है। सुभाष प्लेस में कॉल सेंटर चलाकर लोगों को लोन के नाम पर ठगने के मामले में उसे बीते साल भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल में प्रशांत की मुलाकात ईरानी गिरोह के सदस्य माजिद से हुई थी। जेल से छूटने के बाद प्रशांत दिल्ली आया और विजय के कॉल सेंटर में फर्जी छापेमारी की साजिश रची, जिसमें उसने माजिद के साथ ही स्थानीय मुस्लिम धर्मगुरु जाहिद उर्फ गुरुजी और नूंह नगर पंचायत अध्यक्ष संजय मनोचा को भी मिला लिया।

जेई-धर्गगुरु ने मिलकर रची साजिश

गिरफ्तार आरोपी जाहिद खुद को धर्मगुरु बताकर लोगों को ताबीज आदि बांटता था। वह मेवात और पटेल नगर स्थित ठिकाने पर लोगों का दुख-दर्द सुनता और उन्हें ताबीज देता था। पीड़ित विजय भी जाहिद के आश्रम में जाता था। आरोपी प्रशांत भी विजय को जानता था। प्रशांत और जाहिद ने ही मिलकर विजय के ऑफिस में ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर छापा मारने की साजिश रची। इसके लिए प्रशांत ने ईरानी गिरोह के माजिद, इमरान और फैजल को तैयार किया। जाहिद ने अपने जानकार नूंह के नगर पंचायत अध्यक्ष संजय मनोचा को भी मिला लिया। वारदात वाले दिन सभी इलाके के फाइव स्टार होटल में मिले। फिर, वारदात वाले दिन माजिद, इमरान और फैसल एक युवती के साथ ऑफिस में घुसे। वारदात के बाद सब बाहर निकलकर होटल में पहुंचे। वहां पर जाहिद ने उधार के तौर पर लिए गए एक लाख रुपये संजय मनोचा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

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