चुनाव आयोग के खिलाफ मद्रास HC की तल्ख टिप्पणी को SC ने बताया कड़वी दवा की तरह

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के खिलाफ की गई मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणियों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। कोरोना काल में भी पांच राज्यों में वोटिंग कराने पर गुस्सा मद्रास हाई कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग देश की सबसे अगंभीर संस्था है और क्यों न देश में हुई मौतों के लिए आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का केस चलाया जाए। इन टिप्पणियों से आहत चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां सोमवार को सुनवाई हुई। सर्वोच्च अदालत ने मद्रास हाई कोर्ट का बचाव करते हुए कहा कि जजों की ऐसी टिप्पणियां कड़वी दवा की तरह होती हैं। कोई भी जज घर से सोचकर नहीं आता है कि वह ऐसी बातें कहेगा। यह मानवीय स्वभाव के तहत निकले विचार होते हैं। ऐसी तल्ख टिप्पणियों के पीछे एक ही मंशा होती है और वह है समाज की बेहतरी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी टिप्पणियों के मीडिया में प्रसारण पर भी रोक नहीं लगाई जाएगी। जजों ने कहा, मीडिया आईने की तरह होता है। जो हो रहा है, उसे उसकी रिपोर्टिंग का अधिकार है। इससे वकीलों और जजों की जवाबदेही तय होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को कोई भी आदेश जारी करने की बात कही है।

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