राममंदिर आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लेने महंत कन्हैया दास का पटना में निधन

अपनी ओजस्वी वाणी के लिए पहचाने जाने वाले, राममंदिर आंदोलन के अहम किरदार महंत कन्हैयादास रामायणी का 61 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से फेफडे़ की समस्या से जूझ रहे थे। पटना के महावीर कैंसर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, शुक्रवार को उनका निधन हो गया। उनके निधन पर रामनगरी के संत-धर्माचार्यों सहित विहिप के पदाधिकारियों ने शोक-संवेदना व्यक्त की है।

राममंदिर आंदोलन के अहम किरदारों में शामिल संत समिति अयोध्या के अध्यक्ष व विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य महंत कन्हैयादास रामायणी इस साल हरिद्वार संत सम्मेलन से लौटने के बाद कोरोना ग्रसित हो गए थे। 

पटना के महावीर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनकी गणना विहिप के ओजस्वी वक्ताओं में होती रही। मंदिर आंदोलन में अपने भाषणों के जरिए युवाओं में जोश भरने के लिए वे जाने जाते थे। उन्हें विहिप का फायरब्रांड नेता कहा जाता था। 

उनके उत्तराधिकारी शिष्य संतोष दास ने बताया कि सद्गुरूदेव का 1992 के आंदोलनों में अहम योगदान रहा वे विपरीत परिस्थितियों में भी संघ, विहिप के साथ डटे रहे। धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी रुचि रहती थी। 
बताया कि शनिवार को अयोध्या के सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र, महंत देवेंद्रप्रसादाचार्य, महंत दिनेंद्र दास, जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य, जगद्गुरु डॉ.राघवाचार्य, महंत डॉ. भरत दास, अधिकारी राजकुमार दास, महंत रामदास, महंत रामभूषण दास कृपालु, महंत अवधेश दास, महंत विवेक आचारी, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, शरद शर्मा सहित अन्य ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उनके निधन को अपूर्णनीय क्षति बताया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here