अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के मामले में (Narendra Giri Case Update) सीबीआई की टीम मुख्य आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) से लगातार पूछताछ कर रही है. इस बीच CBI ने आनंद द्वारा हिरासत में होने पर तथ्यों को छिपाने का हवाला देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट (Polygraph Test) की अपील की थी. जिसके लिए आनंद गिरि ने मना कर दिया है.
मामले के मुख्य आरोपी आनंद गिरि के वकील सुधीर श्रीवास्तव (Sudhir Srivastava) ने बताया कि सीबीआई ने आरोपी द्वारा हिरासत में लिए गए तथ्यों को छिपाने का हवाला देते हुए पॉलीग्राफ टेस्ट की अपील की थी. लेकिन यह केवल अभियुक्तों की सहमति से किया जा सकता है. श्रीवास्तव ने आगे कहा कि की टेस्ट के लिए आंनद की सहमति है या नहीं यह जानने के लिए सीजेएम ने वीसी के माध्यम से उनसे बात की और पूछा कि क्या वे इसे चाहते हैं. जिसके लिए आनंद गिरि ने सहमति नहीं दी और टेस्ट के लिए मना कर दिया.
दरअसल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि फंदे से लटके मिले थे. उनके कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. जिसमें अपनी मौत के लिए उन्होंने कथित तौर पर आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवरी को जिम्मेदार ठहराया था. उस सुसाइड नोट में लिखा था कि आनंद गिरि उन्हें लगातार किसी मामले के चलते ब्लैकमेल कर रहे थे.
सुसाइड नोट में ऐसा लिखा गया था कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया और उनके दामन में कभी किसी तरह का दाग नहीं रहा लेकिन कुछ लोगों ने उनपर मिथ्या आरोप लगाकर उन्हें अपमानित किया. जिससे वह बेहद दुखी हैं. जिसके बाद ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. और मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.