महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को मामला सौंपा

उच्चतम न्यायालय ने साल 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़े की दोतरफा याचिकाओं पर आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत दे दी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के उस राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार गिर गयी थी। मुख्य न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर सुनवाई अब बड़ी पीठ करेगी क्योंकि इस मामले में और स्पष्टता की जरूरत है। हालांकि न्यायाधीश ने कहा कि नियमों का दुरुपयोग किया गया है फिर भी अरुणाचल प्रदेश के नबाम तुकी मामले का जो हवाला दिया गया है उससे महाराष्ट्र के मामले की तुलना नहीं की जा सकती। हम आपको बता दें कि न्यायालय के फैसले का मतलब है कि महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार बरकरार रहेगी। अब जब सात जजों की बड़ी पीठ बैठेगी वह हर मुद्दे की समीक्षा कर अपना फैसला देगी।

हम आपको बता दें कि संविधान पीठ में न्यायमूर्ति एमआर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं। संविधान पीठ ने 16 मार्च, 2023 को संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अंतिम सुनवाई 21 फरवरी को शुरू हुई थी और नौ दिनों तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।

हम आपको यह भी बता दें कि शीर्ष अदालत ने सुनवाई के अंतिम दिन आश्चर्य व्यक्त किया था कि वह उद्धव ठाकरे की सरकार को कैसे बहाल कर सकती है, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सदन में बहुमत परीक्षण का सामना करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि ठाकरे गुट ने सुनवाई के दौरान न्यायालय से आग्रह किया था कि वह 2016 के अपने उसी फैसले की तरह उनकी सरकार बहाल कर दे, जैसे उसने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार बहाल की थी। ठाकरे गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी एवं देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने शीर्ष अदालत के समक्ष पक्ष रखा था, जबकि एकनाथ शिंदे गुट का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे एवं महेश जेठमलानी और अधिवक्ता अभिकल्प प्रताप सिंह ने किया था। दूसरी ओर, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता राज्य के राज्यपाल कार्यालय की ओर से पेश हुए थे।

इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि एकनाथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे और अगला चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अदालत का फैसला आने से पहले यह पूछे जाने पर कि क्या शिंदे खेमे के 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में प्रतिकूल फैसले की स्थिति में शिंदे अपने पद से हट जाएंगे, फडणवीस ने कहा था कि इस चर्चा का कोई मतलब नहीं है। फडणवीस ने कहा, “…मैं आपको बता रहा हूं कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे और हम उनके नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ेंगे।” उन्होंने कहा था कि शिंदे क्यों सौंपेंगे इस्तीफा? किसी तरह के कयास लगाने की जरूरत नहीं है…।” 

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