महाराष्ट्र की आघाड़ी सरकार खतरे में, एकनान्थ शिंदे के न मानने से सरकार का गिरना तय

महाराष्ट्र में द ग्रेट पॉलीटिकल ड्रामा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को पूरी तरीके से दो फाड़ कर दिया है। यही कारण है कि अब महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी की सरकार खतरे में दिखाई दे रही है। एकनाथ शिंदे गुट के विधायक फिलहाल असम के एक होटल में रुके हुए हैं। हालांकि संजय राउत की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि इन विधायकों को जबरन ले जाया गया है और यह वापस लौट आएंगे। इसी कड़ी में शिंदे गुट से वापस लौटे नितिन देशमुख ने भी अगवा करने का आरोप लगाया। आज दोबारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नितिन देशमुख ने कहा कि हमें जबरन सूरत ले जाया गया, मैंने भागने की कोशिश की लेकिन सूरत पुलिस ने पकड़ लिया। 

नितिन देशमुख ने दावा किया कि कोई जटिलता न होने के बावजूद, डॉक्टरों ने मुझे बताया कि मुझे दिल का दौरा पड़ा है। 300-350 पुलिसकर्मी हम पर नजर रख रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझसे पहले विधायक प्रकाश अबितकर ने भी उनसे दूर होने की कोशिश की लेकिन वह नहीं हो पाए। सूरत के होटल पहुंचते ही हमें एमवीए सरकार के खिलाफ साजिश के बारे में पता चला। वहीं, नितिन देशमुख के इस दावे की पोल खोलने की कोशिश एकनाथ शिंदे खेमे की ओर से की गई है। एकनाथ शिंदे ग्रुप की ओर से एक फोटो जारी किया गया है जो कि नितिन देशमुख की पहले की तस्वीरें है। यह तस्वीरें उस वक्त है जब नितिन देशमुख सूरत जा रहे थे। इसमें नितिन देशमुख काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। वह बागी विधायकों के साथ प्लेन में बैठे हुए हैं और काफी खुश नजर आ रहे हैं। 

सवाल यही है कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर में कौन सही है और कौन सिर्फ आरोप लगा रहा है। इन सब के बीच पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है। अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं। आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं…आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें।

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