महर्षि कश्यप संगठन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

मुजफ्फरनगर। महर्षि कश्यप एकता संगठन के तत्वावधान में कश्यप, निषाद, प्रजापति, राजभर समुदाय की 17 जातियां को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

संगठन के अध्यक्ष सुशील कश्यप ने कहा कि 26 जनवरी 1950  को इस देश का संविधान लागू हुआ, जो समुदाय सामाजिक शैक्षिक आर्थिक रूप से कमजोर थे, उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई। उत्तरप्रदेश की 66 जातियों की अनुसूचित जातियों की सूची में कश्यप समुदाय प्रजापति समुदाय राजभर समुदाय की 7 जातियां अनुसूचित जाति में शामिल है, लेकिन इनकी पर्यायवाची जातियां कश्यप, निषाद, केवट, मल्लाह, कहार, धीवर, बाथम, बिंद, भर, राजभर, कुम्हार, प्रजापति आदि जातियों को इनकी मूल जाति के साथ परिभाषित नहीं किया गया, जिस कारण इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रामशरण कश्यप ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक सत्ताहीन पार्टियों की सरकारों में कश्यप समाज की अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग नहीं मानी बल्कि शामिल होने का आश्वासन देकर समाज की वोटों की लूट की और अपनी सरकार बनाई। अब कश्यप समाज इन पार्टी की चालो को समझ चुका है, अब आश्वासन या वादों से समाज किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं करेगा। संवैधानिक आरक्षण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जय भगवान कश्यप ने कहा कि आज देश और प्रदेश दोनों जगह भाजपा की सरकार है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन जातियों को इनका आरक्षण देने का वादा किया था, इन जातियों ने वर्ष 2014, 2017 और 2019 में शत-प्रतिशत वोट भारतीय जनता पार्टी को दिया था, लेकिन सरकार बनने के इतने दिनों बाद भी आरक्षण देने का वादा पूरा नहीं किया। देवेंद्र कश्यप ने प्रदेश की बीजेपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन जातियों को इनके अनुसूचित जाति की सूची में दर्ज मूल जाति के साथ परिभाषित करें और प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे। केंद्र सरकार अनुसूचित जातियां आदेश संशोधन विधेयक लाकर सदन में पास कराए।

उन्होंने बीजेपी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बीजेपी सरकार 2022 से पहले 17 जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ नहीं देती, तो यह जातियां भाजपा को सत्ता से बाहर करने का काम करेगी। मोतीराम कश्यप ने बीजेपी सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन 17 जातियों की आबादी लगभग 18 प्रतिशत है, लेकिन इनकी सरकारी नौकरियों में भागीदारी, राजनीतिक भागीदारी, शैक्षिक भागीदारी, नगण्य है। यह 17 जातियां उत्तरप्रदेश की सभी विधानसभाओं में निर्णायक भूमिका में है, लगभग 200 विधानसभा में इन जातियों का वोट 50,000 से ज्यादा है। इस समाज के आर्थिक राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए इन्हें अनुसूचित जाति का आरक्षण दिया जाए। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से डॉक्टर सुनील कश्यप, चौधरी बाबा धर्मेंद्र कश्यप, पंकज कश्यप, संजय भारतीय चौधरी भोपाल कश्यप, एडवोकेट सत्यवीर प्रजापति, मोहन प्रजापति, अर्जुन कश्यप, रोहित कश्यप, रामधन कश्यप, चौ. राकेश कश्यप, मोनू कश्यप शामिल हुए।

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