महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ: भोजन नहीं मिलने पर 3 घंटे तक 150 छात्रों ने दिया धरना

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल में शुक्रवार सुबह भोजन नहीं बना। भूख से बेहाल 150 छात्र भड़क उठे और कार्यालय, लाइब्रेरी व कक्षाएं बंद करवा दीं। सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक प्रशासनिक भवन के कर्मचारी अपने कार्यालय में ही रहे। कोई अंदर-बाहर नहीं जा सका। प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को बंद कर छात्र धरने पर बैठ गए। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। मेस संचालक पर विश्वविद्यालय के तीन छात्रावासों के छात्र-छात्राओं ने भोजन शुल्क का तकरीबन 10 लाख रुपये लेकर फरार हो जाने का आरोप लगाया।

सुबह खाना नहीं मिलने पर छात्रों ने मेस में पता किया तो पता चला कि वहां संचालक नहीं है और दोपहर का भोजन भी मिलने की उम्मीद नहीं है। 10 बजे छात्र प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर आ गए और गेट बंद कर धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि एएनडी, लाल बहादुर शास्त्री और जेके महिला छात्रावास के लगभग 400 छात्र-छात्राओं से 2600 रुपये छात्र के हिसाब से करीब 10 लाख रुपये जमा कराने के बाद मेस संचालक लापता हो गया है और छात्र सुबह से भूखे हैं। 

छात्रों को उग्र होते देख विभागों के कर्मचारी सहम गए। जानकारी मिलने पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. अमिता सिंह मौके पर पहुंचीं और छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, वे मानने को तैयार नहीं थे। दोपहर एक बजे चीफ प्रॉक्टर के दोबारा समझाने के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया। इसके बाद कार्यालय का मुख्य द्वार खुल सका।

मेस संचालक से वापस कराया जाएगा पैसा

प्रो. अमिता सिंह ने कहा कि सबसे पहले छात्रों के भोजन की व्यवस्था जरूरी थी। इसलिए सेकेंड एजेंसी से व्यवस्था कराई गई। पहले वाले मेस संचालक ने अब खाना देने से इनकार कर दिया है। छात्रों से लिए गए पैसे को वापस कराया जाएगा। उससे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने बंद कराया गेट संख्या दो
छात्रों का रोष देखकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गेट संख्या दो बंद करा दिया। वहां सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए। प्रशासनिक भवन की ओर जाने वालों को मानविकी संकाय की ओर से प्रशासनिक भवन-दो के सामने से होकर आना-जाना पड़ा। चीफ प्रॉक्टर सुरक्षाकर्मियों के साथ दोपहर तक विश्वविद्यालय परिसर में डटी रहीं।

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