मैनपुरी: सात दिन में निमोनिया से चार बच्चों की मौत, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

मैनपुरी जिले में सर्दी जुकाम के साथ ही निमोनिया के मरीज बढ़े हैं। निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले सात दिनों की बात करें तो जिला अस्पताल में प्रतिदिन 25 से 30 मरीज उपचार के लिए पहुंचे हैं। 300 से अधिक मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया है वहीं 25 मरीज गंभीर हालत में भर्ती कराए गए हैं। जिला अस्पताल से 18 बाल मरीजों को हालत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर किया गया है। 

थाना बिछवां क्षेत्र के गांव रूपपुर भटपुरा निवासी लक्ष्मण सिंह की सात माह की पुत्री आयुषी को पिछले कुछ दिनों से निमोनिया की शिकायत थी। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। शुक्रवार को हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार पिछले सात दिनों में चार बच्चों की मौत निमोनिया के कारण हुई है। 

दो बजे के बाद नहीं मिलते डॉक्टर 

जिला अस्पताल और सौ शैया अस्पताल में दो बजे के बाद बाल रोग विशेषज्ञ नहीं मिलते। जिला अस्पताल में एक मात्र बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती है जो ओपीडी में ड्यूटी करते हैं इसके बाद यहां कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं मिलता है। वहीं सौ शैया अस्पताल में केवल 28 दिन तक के बच्चों को ही दो बजे के बाद उपचार दिया जाता है। ऐसे में दो बजे के बाद बच्चों के डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते हैं, जिससे लोग या तो निजी डॉक्टर के यहां उपचार कराते हैं या फिर पीड़ित बच्चे को मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर करा ले जाते हैं। 

पिछले सात दिन में मरने वाले बच्चे 

  • 18 दिसंबर- आभास दो माह पुत्र राजवीर, निवासी मिर्जापुर 
  • 21 दिसंबर- रश्मी चार माह पुत्री विनोद गोस्वामी निवासी भरतवाल 
  • 22 दिसंबर- कार्तिक 10 माह पुत्र अनुज कुमार, निवासी बेरियाहार 
  • 23 दिसंबर- आयुषी सात माह पुत्री लक्ष्मण सिंह, निवासी रूपपुर भटपुरा 

निमोनिया के लक्षण 

  • सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द
  • 65 वर्ष व उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में मानसिक भ्रम की स्थिति 
  • खांसी, जो कफ पैदा कर सकती है
  • थकान महसूस होना 
  • बुखार, पसीना और कंपकंपी ठंड लगना
  • सामान्य शरीर के तापमान से कम 
  • मतली, उल्टी या दस्त
  • सांस लेने में परेशानी

बचाव के उपाय 

  • बच्चों को सुबह शाम गर्म कपड़े पहनाएं 
  • बच्चों को सुबह शाम नंगे पैर न चलने दें 
  • निमोनिया और फ्लू से बचाव के लिए टीके लगवाएं 
  • जरा भी दिक्कत होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से उपचार लें 
  • बुजुर्ग धूम्रपान से परहेज करें

सीएमएस डॉ. मदनलाल ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में चार बच्चों की मौत हुई है। सभी बच्चे मृत अवस्था में ही अस्पताल लाए गए थे। परिजन के अनुसार व सर्दी जुकाम से पीड़ित थे। 

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