मणिपुर: कुकी समुदाय के लोगों ने गृहमंत्री के घर के बाहर किया प्रदर्शन

मणिपुर में जारी हिंसा के कारण बुधवार को कुकी समुदाय के लोगों ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में सेव कुकी लिव्स (कुकियों का जीवन बचाओ) लिखी हुई तख्तियां ले रखी थीं। आवास के बाहर कुकी समुदाय के लोगों ने काफी नारेबाजी भी की।

प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर भेज दिया था
पुलिस ने बताया कि गृहमंत्री प्रदर्शनकारियों से मिलने के लिए तैयार हो गए हैं। चार प्रदर्शनकारियों को ही गृह मंत्री के आवास के अंदर जाने दिया जाएगा, जहां वे अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा बाकी प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर भेज दिया गया है। बता दें, मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 98 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 310 से अधिक लोग घायल हैं। इसके अलावा 37,450 लोग फिलहाल 272 राहत कैंपों में शरणार्थी हैं।

एक दिन भी पहले हुआ था संघर्ष
एक दिन पहले छह जून की रात सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच गोलीबारी हो गई थी। सुगनू इलाके में हुई गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान की जान चली गई थी। इसके अलावा असम राइफल्स के दो जवानों को भी गोलियां लगी थी। भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने बताया कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी का बेहतर जवाब दिया है। असम राइफल्स के जवानों को इलाज के लिए मंत्रीपखुरी भेजा गया है। इलाके में बाकी टीम फायरिंग में शामिल आरोपियों की सर्चिंग कर रही है।

कई दिनों से हो रही है हिंसा
पिछले दिनों काकचिंग के सेरोउ इलाके में दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। साथ ही काकचिंग जिले के ही सुगून में आक्रोशित ग्रामीणों ने यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादियों के खाली पड़े एक कैंप में आग के हवाले कर दिया था। इस कैंप में यूकेएलएफ के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते के बाद रुके हुए थे। पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों के काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के. रंजीत के घर समेत 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले कर दिया था। दो दिन से उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हो रही है। आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिजर्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल समेत राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाजरेथ कैंप में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसके बाद उग्रवादी अपना कैंप छोड़कर भाग गए थे।

छह महीने में सौंपनी होगी रिपोर्ट
हिंसा की जांच के लिए केंद्र सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। दल में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर दास और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी प्रभाकर अलोका शामिल है। गुवाहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा जांच दल का नेतृत्व करेंगे। केंद्र ने दल की पहली बैठक के बाद अधिकतम छह माह में जांच रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, हिंसा के कारण और कैसे हिंसा पूरे राज्य में फैली इसकी जानकारी जांच रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here