शहीद मेजर विभूति की पत्नी ने पति को चूम कर दी अंतिम विदाई, कहा- जय हिंद मेरे हीरो

ढाई साल पहले 18 फरवरी का दिन। शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी देहरादून से दिल्ली के लिए ट्रेन से रवाना हुईं। वह दिल्ली में ही एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करती थीं और सप्ताह अंत में अक्सर देहरादून अपने ससुराल आती रहती थीं। ट्रेन मुजफ्फरनगर ही पहुंची थी कि आर्मी हेडक्वार्टर से उन्हें फोन आया। फोन सुनकर मानों उनके होश ही उड़ गए। पति के पुलवामा में शहीद होने की सूचना मिलते ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट गया। आधा रास्ता छोड़ वह तुरंत ही देहरादून लौट आईं। डंगवाल रोड के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल पुलवामा में रविवार रात हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। उनका पर्थिव शरीर सोमवार की देर शाम देहरादून स्थित उनके घर पर पहुंच गया था। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े। सुबह से जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया। 

हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट ले जाने से पहले पत्नी निकिता ने भीड़ से हटकर अपने पति को फ्लाइंग किस दी और कहा- ‘आई लव यू विभूति ’ और ‘मैं भी आपकी तरह ही आर्मी ज्वाइन करूंगी यह मेरा वायदा है’। यहीं से निकिता का सेना में अफसर बनने का सफर शुरू हो गया। कड़ी मेहनत और लगन के साथ उन्होंने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की। उसके बाद चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण लेने के बाद वह शनिवार को लेफ्टिनेंट बन गईं। लेफ्टिनेंट निकिता की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुई है। शहीद मेजर का सैन्य सम्मान और वैदिक विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया था। मेजर के चाचा जगदीश प्रसाद ढौंडियाल ने उन्हें मुखाग्नि दी थी। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए श्मशान घाट पर भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here