मथुरा: बेसिक शिक्षा विभाग का लेखाकार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार

मथुरा के बेसिक शिक्षा विभाग में करप्शन का मामला सामने आया है। यहां एंटी करप्शन की टीम ने एक बाबू को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। बेसिक शिक्षा विभाग में बाबू के पद पर तैनात कैलाश शर्मा एक शिक्षक के एरियर देने के नाम पर रुपयों की मांग कर रहा था।

एओ बेसिक कार्यालय में है तैनात

मथुरा सिविल लाइन एरिया में जिला पंचायत के समीप एओ बेसिक का कार्यालय है। यहां पर तैनात क्लर्क कैलाश शर्मा शिक्षकों के वेतन सम्बन्धी कार्यों को देखते हैं। धौली प्याऊ स्थित बीएसए कार्यालय से अटैच इस ऑफिस में अधिकारियों का ज्यादा आवागमन भी नहीं होता। यही वजह है कि बड़े बाबू के पद पर तैनात कैलाश शर्मा यहां अपनी मन मर्जी से कार्यों को निपटाते हैं।

शिक्षक ने की रिश्वत मांगने की शिकायत

बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात शिक्षक बनी सिंह का 2018- 19 का एरियर काफी समय से लंबित चल रहा है। फरवरी में खण्ड शिक्षा अधिकारी ने पत्रावली पूरी करके विभाग के वित्त एवं लेखाकार कार्यालय भेज दी थी। इसके बाद लेखाकार कैलाश शर्मा उनके एरियर की फ़ाइल को आगे नहीं बढ़ा रहे थे। लेखाकार से जब शिक्षक बनी सिंह ने बात की तो क्लर्क कैलाश शर्मा ने रिश्वत की मांग की।

5 हजार रुपये मांगे रिश्वत में

क्लर्क कैलाश शर्मा ने शिक्षक बनी सिंह से उनका एरियर क्लियर करने के नाम पर 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बनी सिंह ने 2 हजार रुपये पहले दे दिये बाकी रुपये काम होने के बाद देने को कहा। लेकिन कैलाश शर्मा नहीं माने और बनी सिंह को परेशान करने लगे। बाबू की हरकतों से परेशान शिक्षक बनी सिंह ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से की।

आगरा से आई एंटी करप्शन की टीम

एंटी करप्शन की टीम को शिकायत मिलने के बाद रिश्वत खोर बाबू को गिरफ्तार करने की रणनीति बनाई गई। जिसके बाद गुरुवार को एंटी करप्शन की टीम मथुरा आई। मथुरा पहुंचने पर टीम के सदस्यों ने शिक्षक बनी सिंह को कैलाश शर्मा के पास रुपये देने को भेजा। बनी सिंह ने जैसे ही कैलाश शर्मा को रुपये दिए एंटी करप्शन की टीम ने तत्काल रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

कार्यवाही में जुटी टीम

लेखाकार कैलाश शर्मा को गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन की टीम बाबू को थाना हाइवे ले गयी। एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर कुशल वीर सिंह ने बताया कि बाबू के खिलाफ मुकद्दमा लिखाया जा रहा है। इसके बाद मेरठ स्थित एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं।

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