ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) का विरोध किया है। मौलाना ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने का मतलब है सीधे तौर पर शरीयत में हस्तक्षेप करना। यह मुसलमानों को मंजूर नहीं है। इससे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ेगा। मौलाना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूसीसी की वकालत कर देशभर में एक नई बहस छेड़ दी है। उत्तराखंड सरकार इसे लागू करने की तैयारी कर रही है। यह शरीयत में सीधे तौर पर दखल है।
मौलाना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी पर कमेटी बना कर लागू करने का एलान कर दिया है। रिटायर जज चेयरमैन के बयानों से जो अभी तक बातें निकल कर आई है उसमें तलाक देने का अधिकार मर्दों के साथ महिलाओं को भी दिया जाएगा। हलाला और इद्दत पर प्रतिबंध लगाया जायेगा। मर्द एक ही शादी कर सकता है और उसे सिर्फ दो बच्चा पैदा करने का अधिकार होगा। शादी का पंजीकरण जरूरी समेत अन्य बिंदु रखे गए हैं।
यह भी कहा गया है कि अगर इन कानूनों पर किसी व्यक्ति ने अमल नहीं किया तो सरकारी जनकल्याण और आदि लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा। मौलाना ने कहा कि जो भी बातें निकलकर सामने आई हैं वह सीधे तौर पर कुरान व हदीस के खिलाफ है। इसलिए मुसलमान इस कानून को मानने के लिए तैयार नहीं है।
यूसीसी लागू करने की जरूरत नहीं- मौलाना
मौलाना ने आगे कहा कि ये समस्या मुसलमानों के अलावा दूसरे संप्रदाय के सामने भी खड़ी होगी। इसलिए यूसीसी लागू किए जाने की जरूरत नहीं है। संविधान, आईपीसी, फौजदारी-जमींदारी और शादी विवाह से संबंध रखने वाले अलग-अलग संप्रदाय के कानून पहले से ही बने हुए हैं। देश की आजादी के बाद 75 वर्षों से इस पर अमल किया जा रहा है।
मौलाना ने कहा कि लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर जारी करके आम नागरिकों से सुझाव मांगे हैं, लॉ कमिशन ने अब तक कोई कोई प्रारूप पेश नहीं किया है उसे पढ़ा जाए और व्यक्ति किस बात पर हां करे और किस बात पर न करे। उन्होंने कहा कि लॉ कमीशन धूल में लठ चला रहा है।
‘यूसीसी का विरोध करेंगे’
जमात के राष्ट्रीय महासचिव हाफिज नूर अहमद अजहरी ने कहा कि यूसीसी का पूरे देश भर में मुसलमान विरोध करेगा। उलमा लखनऊ में बहुत जल्द बैठक करके देशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनाने जा रहे हैं। हम लोकतांत्रिक ढांचे में यकीन रखते हुए कानून के दायरे में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
यूसीसी में विरोध जैसा कुछ नहीं: निदा खान
आला हजरत परिवार की बहू और आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान ने कहा कि यूसीसी में विरोध जैसा कुछ नहीं है। देशभर की मुस्लिम महिलाएं इसके पक्ष में हैं। वह इसमें अपना सुरक्षित भविष्य देख रही हैं। पुरुष हो या महिला, देश का कोई भी नागरिक हो उसे समान अधिकार मिलने चाहिए। सभी मुस्लिम महिलाओं की ओर से मेरी गुजारिश है प्रधानमंत्री से कि इसे पूरे देश में जल्द ही लागू किया जाए।