बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सड़कों पर उतरने से नहीं बल्कि सत्ता परिवर्तन करने से बात बनेगी और बसपा इस बार सत्तासीन होगी। उन्होंने कहा कि कुछ संगठन बनाकर कुछ लोग बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के मिशन को रोकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन चुनाव के बाद ऐसे संगठन न तो घर के रहते हैं ना घाट के।
बाबा साहब आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर मायावती ने लखनऊ में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने बहुत कष्ट झेले लेकिन दलित व मुस्लिम वर्ग के लोगों को कानूनी अधिकार दिलाने के लिए हमेशा लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा कि यदि उनके द्वारा दिलाए गए अधिकारों का पूरा लाभ लेना है तो इस वर्ग के लोगों को संगठित होकर काम करना होगा। उन्होंने ही यह बताया था कि सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में इस वर्ग के लोगों को लेनी होगी। इसी का परिणाम रहा कि सूबे में चार बार बसपा की सरकार बनी। इस वर्ग के साथ-साथ मुस्लिमों ने भी बाबा साहब की सोच के प्रति जागरूकता दिखाई।
उन्होंने कहा कि यह कारवां न रुकने वाला है और न झुकने वाला है। पत्थर काट कर खुद रास्ता बनाने वाला है और आगे के रास्ते भी बनाए जाएंगे। मायावती ने कहा कि विजय का अता पता नहीं और पहले ही विजय यात्रा निकाल रहे सपाइयों का हाल सब ने देख लिया। किस तरह से चंदौली में पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता की गई।
मायावती ने कहा कि यह सब जानते हैं कि सपा के शासन का मतलब गुंडागर्दी और माफियागर्दी का चरम पर होना। यूपी की जनता इस धोखे में नहीं आने वाली है। उत्तराखंड में भी बसपा इस बार अच्छा प्रदर्शन करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा पार्टी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में मिलकर चुनाव लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट पर सभी को मुख्य चुनाव आयोग एवं सरकारों की गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। खासतौर से चुनाव में इस पर ध्यान देना होगा।
इस मौके पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी बाबा साहेब को श्रद्घांजलि दी और कहा कि करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा परम पूज्य बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर सादर नमन किया।मानवता के लिए समर्पित बाबा साहेब का जीवन एवं उनका विराट व्यक्तित्व हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।