महबूबा ने अब न्यायपालिका को भी कोसना शुरू किया

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 2018 में कठुआ जिले में रसाना दुष्कर्म व हत्या मामले में सुबूत नष्ट करने के दोषी को जमानत दिए जाने पर ट्वीट कर टिप्पणी की है। महबूबा ने कहा कि यह न्याय चक्र ध्वस्त होने जैसा है। महबूबा ने कहा कि जब एक बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी को दी गई जेल की सजा निलंबित कर उसे जमानत दी जाती है तो न्याय का पहिया पूरी तरह से ध्वस्त हो जाता है।

उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मामले में सुबूत नष्ट करने के दोषी करार दिए गए बर्खास्त सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता की जेल में शेष अवधि की सजा को निलंबित कर दिया था। जमानत का बांड भरवाकर उसे रिहा करने के निर्देश जारी किए थे। जनवरी 2018 में कठुआ जिले में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और फिर हत्या की गई थी।

इस मामले में पंजाब के पठानकोट की अदालत ने दस जून 2019 को सजा का एलान किया था। मुख्य आरोपी सांझी राम समेत छह आरोपियों को सजा सुनाई गई थी। सांझी राम के अलावा एसपीओ दीपक खजूरिया और प्रवेश कुमार को बर्खास्त कर दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तीन बर्खास्त पुलिस कर्मियो में आनंद दत्ता, तिलक राज और सुरेंद्र वर्मा को पांच साल की जेल की सजा दी गई थी।

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