मौसम विभाग ने आंध्र-ओडिशा के लिए जारी किया अलर्ट, ‘जवाद’ से दोनों प्रदेशो के तटीय जगहों को खतरा


बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात जवाद को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ बैठक की और इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए। भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का एक क्षेत्र बन रहा है जो चक्रवात जवाद में बदल कर 4 दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश-ओडिशा के तट से टकरा सकता है। इस दौरान हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। मौसम विभाग ने चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तेज बारिश की भविष्यवाणी की है। 

कोनार्क फेस्टिवल रद्द
मौसम विभाग की रिपोर्ट और स्पेशल रिलीफ कमीशन के दिशा-निर्देश के मुताबिक, जवाद ओडिशा के तट पर पहुंच रहा है। हम दुख के साथ यह बताना चाहते हैं कि कोनार्क फेस्टिवल और इंटरनेशनल सैंड आर्ट फेस्टिवल को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। दोनों ही कार्यक्रम कोनार्क में होने थे। ओडिशा पर्यटन विभाग की ओर से यह बताया गया है। 

4 दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट से टकराने की संभावना
आईएमडी अमरावती निदेशक स्टेला सैमुअल ने कहा कि पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और अगले 6 घंटों में एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके 4 दिसंबर की सुबह तक उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर पहुंचने की संभावना है। 

इसके बाद के 24 घंटों के दौरान उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर और ओडिशा तट के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। अधिकतम हवा की गति 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 100 किमी प्रति घंटे तक होगी। पेड़ और बिजली के खंभे के उखड़ने की संभावना है।  

स्टेला ने कहा कि उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर 90 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। किसानों से अनुरोध है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा करें। निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर रहना चाहिए। आंधी हवा के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहना चाहिए क्योंकि भूस्खलन होने की संभावना है। 

पीएम ने जारी किए निर्देश
पीएमओ ने इस बारे में बयान जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात की आशंका को देखते हुए राज्यों, केंद्रीय मंत्रियों और स्थिति से निपटने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोेगों को सुरक्षित निकालने के अलावा बिजली, संचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सुविधाओं पर नजर रखी जाए और इनमें व्यवधान आने पर तत्काल इनकी बहाली की व्यवस्था रखें। इसके अलावा दवाओं का पर्याप्त भंडारण और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। 

डिजास्टर फंड की पहली किश्त जारी
केंद्रीय गृह मंत्रालय स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रख रहा है और सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संपर्क में है। मंत्रालय ने स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड की पहली किश्त भी सभी राज्यों को जारी कर दी है। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ स्थिति की समीक्षा की है। 

एनडीआरएफ की 29 टीमें तैनात
केंद्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने अपनी 29 टीमों को नौकाओं, पेड़ काटने वाली मशीनों और संचार उपकरणों के साथ राज्यों में तैनात कर दिया है जबकि 33 टीमें स्टैंडबाई रखी गई हैं।

नेशनल कोस्टगार्ड और नेवी ने भी राहत कार्य और खोज अभियानों के लिए जहाज और हेलिकॉप्टर तैयार रखे हैं। वायुसेना और सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स को भी नौकाओं और बचाव उपकरणों के साथ तैयार रहने के लिए कहा गया है।

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