इस्राइल दौरे पर आए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके साथ आया प्रतिनिधि मंडल उस वक्त भावुक हो गया, जब उनके स्वागत में ‘कल हो ना हो’ और ‘कुछ-कुछ होता है’ जैसी फिल्मों के हिट गाने गाए गए।
खास बात यही थी कि इन गानों की प्रस्तुति भारतीय मूल की ज्योतिहीन यहूदी लड़की डायना सामटे ने दी। वह बनेई मेनाशे समुदाय की है और उस शलावा बैंड का हिस्सा थी, जिसने जयशंकर का स्वागत किया। भावभीने गीत सुनकर जयशंकर व उनके साथ मौजूद भारतीय दल के सदस्यों की आंखें छलछला आईं।
शलावा सेंटर में इस्राइल के वैकल्पिक प्रधानमंत्री व विदेशी मंत्री यैर लैपिड ने जयशंकर के सम्मान में लंच रखा था। यह सेंटर इस्राइल के दिव्यांगों को ऐसे टूल प्रदान करता है, जिससे उनका समाज में समावेश हो सके। यहां धर्म, जाति, वित्तीय स्थिति देखे बगैर सभी को समान रूप से सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।
डायना सामटे, 2007 में मणिपुर से इस्राइल आई थी। कुछ वर्ष पहले उसे इस्राइल के स्वाधीनता दिवस के मौके पर मुख्य सरकारी कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित करने का अभूतपूर्व सम्मान दिया गया था।
भूदान ग्रोव का पट्टिका का अनावरण किया
इस्राइल की पांच दिवसीय यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने सोमवार को यरूशलम फॉरेस्ट में ‘भूदान ग्रोव’ (Bhoodan Grove)? पट्टिका का अनावरण भी किया। विकास के लिए गांव को बुनियादी इकाई मानने की महात्मा गांधी की अवधारणा को ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्री ‘भूदान और ग्रामदान’ जैसे सर्वोदय अभियान के समाजवादी विचारों के क्रियान्वयन के तरीके खोजने के दौरान इस्राइल में अनेक जगहों पर गए। भारत में सर्वोदय अभियान के नेता जयप्रकाश नारायण ने सितंबर 1958 में इस्राइल की नौ दिनी यात्रा की थी। उनके दौरे के बाद 27 सदस्यीय सर्वोदय दल छह माह के दौरे पर अध्ययन के लिए यहां आया था। भारत लौटने से पहले इस दल ने 22 मई 1960 को ‘यरूशलम फॉरेस्ट’ में ‘भूदान ग्रोव’ के लिए पौधारोपण किया था।