नौकरशाहों के लिए रोक दी मंत्री की गाड़ी, बिहार की घटना

बिहार के मंत्री जीवेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि जब तक राज्य सरकार पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी उपेंद्र शर्मा को निलंबित नहीं कर देती, उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला किया है।

नीतीश कुमार सरकार में श्रम मंत्री जीवेश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ अपनी आपबीती साझा करने के बाद विधानसभा का बहिष्कार किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने उनकी कार को रोक दिया क्योंकि डीएम और एसएसपी का काफिला उस गेट से जा रहा था।

नीतीश कुमार सरकार में भाजपा कोटा के मंत्री जीवेश कुमार ने कहा, मैं आपसे (अध्यक्ष) से अनुरोध करता हूं कि यह निर्धारित करें कि डीएम और एसएसपी की रैंक ऊपर होती है या कैबिनेट मंत्री की? इन अधिकारियों के कारण विधानसभा के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी निर्वाचित प्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं।

कुमार ने कहा, हमें इन दोनों अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने की जरूरत है। मैं विधानसभा की कार्यवाही में तब तक भाग नहीं लूंगा जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती।

उन्होंने कहा, सर (अध्यक्ष), आप बिहार विधानसभा के संरक्षक हैं। इसलिए, आपको उनके खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देना चाहिए।

जीवेश कुमार को सदन के अंदर अन्य भाजपा विधायकों और विपक्षी नेताओं का भी समर्थन मिला।

राजद विधायकों ने कहा कि बिहार पुलिस मानसून सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों पर बर्बर हमले और एक कैबिनेट मंत्री के साथ बदसलूकी करने में शामिल है।

भाजपा विधायकों और मंत्रियों ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन पार्टी की बैठक के दौरान नौकरशाही के दबदबे पर चिंता व्यक्त की थी। कई लोगों का मानना था कि भाजपा के लिए इस सरकार से दूर रहना ही बेहतर है क्योंकि अधिकारी उनकी शिकायतों को नहीं सुनते हैं।

घटना के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एसएसपी और डीएम का बचाव किया। उन्होंने गेट पर तैनात ट्रैफिक कर्मियों को दोषी ठहराया, जिन्होंने मंत्री की गाड़ी रोक दी।

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