उड़ानों को रद्द करने के मामले में नागर विमानन मंत्रालय ने एयर इंडिया एक्सप्रेस से रिपोर्ट मांगी है। विमानन मंत्रालय ने एयरलाइन से तत्परता से मामले का समाधान करने को कहा है। मंत्रालय की ओर से एयरलाइन को डीजीसीए के निर्देशों के अनुसार यात्रियों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने की सलाह भी दी गई है।
इससे पहले एयर इंडिया एक्सप्रेस की 80 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, एयरलाइन के चालक दल के सदस्य बड़े पैमाने पर बीमारी का हवाला देकर छुट्टी पर चले गए हैं। ऐसे में ये उड़ाने रद्द की गईं हैं। नागरिक विमानन अधिकारी इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए हैं। बता दें, टाटा समूह की इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस, एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) का खुद में विलय करने की प्रक्रिया में है। इसी को लेकर, पिछले कुछ समय से इस एयरलाइन के चालक दल के सदस्य नाराज चल रह रहे हैं।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने केद्र से हस्तक्षेप की मांग की
एयर इंडिया एक्सप्रेस की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के अंतिम समय में रद्द होने और केरल में हवाई अड्डों पर गुस्साए यात्रियों के विरोध प्रदर्शन के बीच राजनीतिक दलों ने सरकार से तत्काल कदम उठाने को कहा है। कांग्रेस और भाकपा दोनों ने बुधवार को इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया को पत्र लिखकर यात्रियों की परेशानियों के बारे में बताया और प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक यात्रा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
सतीशन ने अपने पत्र में कहा कि अधिकांश यात्रियों को उड़ानों के रद्द होने के बारे में हवाई अड्डों पर पहुंचने के बाद ही पता चला। उन्होंने लिखा, “मध्य पूर्व की ओर जाने वाले कई लोगों को अपने रोजगार खोने का डर है क्योंकि वे समय पर लौट नहीं पाएंगे।” उन्होंने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि एयरलाइन ने फंसे हुए यात्रियों को भोजन और ठहरने की जगह उपलब्ध कराने में बुनियादी शिष्टाचार भी नहीं दिखाया।
भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने भी यात्रियों की यात्रा समस्याओं को हल करने के लिए मंत्रालय के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने एक बयान में कहा कि एअर इंडिया एक्सप्रेस की 70 से अधिक सेवाएं रद्द होने के बाद देश भर में विभिन्न हवाई अड्डों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
विश्वम ने कहा, ‘इससे विदेश में नौकरी करने वालों और छुट्टियों के बाद काम पर लौटने वालों के लिए रोजगार की संभावनाएं भी प्रभावित हुई हैं।’ उन्होंने कहा कि एयरलाइन के अनुसार वर्तमान स्थिति एयर इंडिया एक्सप्रेस के चालक दल द्वारा सामूहिक अवकाश लेने के कारण है।’
विश्वम ने कहा कि एयरलाइन के कर्मचारियों को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि प्रबंधन ने उनकी चिंताओं और समस्याओं को दूर करने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि एयर इंडिया, जो एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई थी, के निजीकरण ने न केवल कर्मचारियों को बल्कि यात्रियों को भी प्रभावित किया है।”
खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले अधिकतर यात्रियों ने दावा किया कि सुरक्षा जांच पूरी करने और उड़ान में सवार होने का इंतजार करने के बाद उन्हें उड़ानें रद्द होने की सूचना दी गई। हवाई अड्डों पर प्रदर्शन कर रहे कई लोगों ने दावा किया कि यदि वे आज अपने कार्यस्थल पर नहीं पहुंचे तो उनकी नौकरी जा सकती है जबकि कुछ अन्य का कार्य वीजा समाप्त होने वाला है।