विधायक खरीद फरोख्त मामला: बीएल संतोष को एसआईटी के समक्ष पेश होने का समन

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष (BL Santosh)  को तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) की एसआईटी (SIT)ने समन भेजा है। बता दें कि बीएल संतोष को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। बीएल संतोष (BL Santosh) पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। तेलंगाना पुलिस (Telangana Police)  लगातार इस मामले में छापेमारी कर रही है। अब तक चार राज्यों की सात लोकेशन से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

जान लीजिए बीएल संतोष के बारे में 
एक फरवरी 1967 में कर्नाटक के मैसूर में जन्मे बीएल संतोष (BL Santosh) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) हैं। बीएल संतोष (BL Santosh) को संगठन मजबूत करने का काफी अनुभव है। संतोष ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। 1993 से उन्होंने फुल टाइम आरएसएस प्रचारक के तौर पर काम शुरू किया था। 2006 में वह भाजपा में शामिल हो गए और कर्नाटक भाजपा के महासचिव (संगठन) बनाए गए। 2014 तक उन्होंने इस पद की जिम्मेदारी संभाली। इस बीच, कर्नाटक में 2008 में भाजपा की सरकार भी बनी। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री और अमित शाह भाजपा अध्यक्ष बने तो बीएल संतोष (BL Santosh) को संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) की जिम्मेदारी दी गई। 2019 में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) की पूरी जिम्मेदारी संतोष को मिल गई।

जानें किस मामले में फंसे हैं बीएल संतोष?

तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस (TRS)  के विधायकों में से एक पी रोहित रेड्डी (P Rohit Reddy) ने भाजपा नेताओं पर खरीद-फरोख्त का मामला दर्ज कराया है। रेड्डी के शिकायत के आधार पर 26 अक्टूबर की रात रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ आपराधिक साजिश, रिश्वत की पेशकश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए। रोहित रेड्डी (Rohit Reddy) द्वारा दर्ज मामले के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। इसके बदले में उसने शर्त रखी गई कि उन्हें टीआरएस (TRS)  छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ेगा।

इसके अलावा टीआरएस (TRS) के चार विधायक पायलट रोहित रेड्डी, बी हर्षवर्धन रेड्डी, रेगा कांथा राव और गुव्वाला बलराजू ने भी अज्ञात लोगों से धमकी भरे फोन आने की शिकायत दर्ज की। फोन पर उन्हें टीआरएस (TRS)  छोड़ने और भाजपा (BJP) में शामिल होने के लिए कहा गया। कथित तौर पर धन का प्रलोभन भी दिया गया। विधायकों की शिकायत के बाद रायदुर्गम, बंजारा हिल्स, घाटकेसर और गचीबावली पुलिस थानों में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए।

इस मामले में जांच के लिए तेलंगाना सरकार (Government of Telangana) ने एसआईटी (SIT)  का गठन किया है। एसआईटी (SIT) ने नामजद आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, अब भाजपा के अन्य नेताओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। बीएल संतोष को इसी मामले में पूछताछ के लिए एसआईटी ने समन भेजा है।

अब आगे क्या होगा?

तेलंगाना पुलिस (Telangana Police)  की एसआईटी (SIT) ने बीएल संतोष को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय के मुताबिक, अगर बीएल संतोष पूछताछ के लिए तेलंगाना जाते हैं, तो उन्हें एसआईटी गिरफ्तार (SIT Arrested) भी कर सकती है। ऐसे में वह फिलहाल अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। इससे उन्हें फौरी तौर पर राहत मिल जाएगी।

तेलंगाना की सत्ताधारी टीआरएस (TRS) और भाजपा के बीच आजकल काफी जंग छिड़ी है। भाजपा तेलंगाना में पांव पसार रही है और इससे टीआरएस (TRS) को नुकसान की आशंका है। यही कारण है कि राजनीतिक लड़ाई में इस तरह के दांवपेंच चले जा रहे हैं।

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