एएमयू के कुलपति बने एमएलसी, राज्यपाल ने दी मंजूरी, मनोनयन की अधिसूचना जारी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) बन गए है। योगी सरकार ने उनके नाम का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा था, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दे दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर और पूर्व कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा सहित शिक्षा, वकालत, समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े छह लोगों को विधान परिषद सदस्य मनोनीत करने को मंजूरी दे दी है। मनोनीत सदस्यों में भाजपा के ब्रज क्षेत्र के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी, 2022 विधानसभा चुनाव में फुलपुर पवई से प्रत्याशी रहे रामसूरत राजभर, भाजपा के वाराणसी जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा और उप्र. अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। 

बीते शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन नामों के मनोनयन के लिए प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा था। राज्यपाल ने प्रस्ताव का विधिक परीक्षण कराने के बाद सभी छह सदस्यों को परिषद में मनोनीत करने की मंजूरी दे दी। इनमें दो पिछड़े, एक ब्राह्मण, एक दलित, एक वैश्य और एक मुस्लिम हैं। वहीं पूर्वांचल से तीन सदस्य हैं, जबकि ब्रज क्षेत्र से दो, अवध क्षेत्र से एक सदस्य हैं। कार्यवाहक मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि छह सदस्यों के मनोनयन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें, इनमें से मनोनीत कोटे के तीन पद 29 अप्रैल 2022 और तीन पद 27 मई 2022 से खाली थे।

चर्चा है कि प्रो तारिक मंसूर…
एएमयू के वीसी तारिक मंसूर के एमएलसी बनने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गईं है कि उन्हें किसी आयोग का चैयरमेन बनाया जा सकता है। एमएलसी मनोनयन की अधिसूचना जारी होने के बाद यह भी चर्चा है कि प्रो तारिक मंसूर आज या 4 अप्रैल को एएमयू के कुलपति पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज सकते हैं। 

प्रो तारिक मंसूर का सफर

  • 20 सितंबर 1956 में स्व प्रो हफीजुल रहमान के यहां जन्मे। 
  • 1978 में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और 1982 में एमएस की। 
  • 1980 से 1983 तक जेएन मेडिकल कॉलेज में क्लिनिकल रजिस्ट्रार के रुप में एमबीबीएस के बच्चों को पढ़ाया। 1983 से 1985 तक मेडिकल कॉलेज के सीएमओ बन गए। 
  • 1985 से 1986 तक सऊदी अरेबिया में किंग फहर टीचिंग हॉस्पीटल में सर्जिकल स्पेशलिस्ट के रुप में काम किया। 
  • 1986 से 1993 तक जेएन मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बतौर पढ़ाया।
  • 1993 से 2001 तक एसोसिएटेड प्रोफेसर रहे।
  • 2002 से 2013 तक 11 साल प्रोफेसर रहे।
  • 2013 से 2017 तक मेडिकल के प्रिंसिपल और सीएमएस रहे।
  • 2017 से अब तक एएमयू के कुलपति हैं।

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