मुरादाबाद जिले में 43 साल पहले ईद की नमाज के बाद भड़के दंगों का असली गुनहगार मुस्लिम लीग का डॉ. शमीम खान था। उसने कई चुनावों में शिकस्त मिलने पर मुस्लिमों की सहानुभूति हासिल करने के लिए दंगे भड़काने की साजिश रची थी।
मुरादाबाद दंगे की जांच करने वाले सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एमपी सक्सेना ने अपनी रिपोर्ट में दिए सुझाव में कहा कि मुसलमानों को वोट का खजाना समझने वालों को हतोत्साहित करना जरूरी है।
मंगलवार को विधानसभा व विधान परिषद में वर्ष 1980 में मुरादाबाद में हुए दंगे की रिपोर्ट पेश की गई। इससे पहले मई माह में योगी कैबिनेट ने रिपोर्ट पेश करने को मंजूरी दी थी। मुरादाबाद दंगे की एक सदस्यीय न्यायिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक मुरादाबाद का डॉ. शमीम अहमद खान इस दंगे का सूत्रधार था।
मुरादाबाद में 13 अगस्त 1980 को ईद की नमाज के समय पथराव और हंगामा हुआ था। इसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़कने से 84 लोग मारे गए थे और 112 लोग घायल हुए थे। मरने वालों में चार सरकारी अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भी शामिल थे।