मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, प्रशासन शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत आम लोगों को आवासीय भूमि के पट्टे देने के कार्य को समय पर पूरा किया जाना चाहिए। सरकार ने बिना पट्टे वाले घरों के नियमन में काफी रियायतें दी हैं, ताकि 15 जुलाई से शुरू हो रहे वार्डवार शिविरों में ज्यादा से ज्यादा पट्टे दिए जा सके। पहली बार इस अभियान में पट्टा जारी करने के लिए पूर्व की दरों से लगभग 85 प्रतिशत तक छूट दी गई है। निकायों के क्षेत्र में आ रही चारागाह और सिवायचक भूमि को निकायों को हस्तातंरित करने के निर्देश कलेक्टरों को दे दिए गए हैं, ताकि उस पर बसी आबादी के पट्टे जारी हो सके।
दरअसल, मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने आवास पर प्रशासन शहरों के संग अभियान की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि सभी निकाय अपने राजस्व रिकॉर्ड यथाशीघ्र दुरूस्त कर लें, ताकि पट्टा वितरण में किसी तरह की अड़चन न आए। अभियान के दौरान प्रशासन घर-घर जाकर मतदाता सूची के आधार पर पट्टा मिलने से वंचित परिवारों का सर्वेक्षण भी करेगा, ताकि जरूरतमंद लोगों को पट्टे जारी किए जा सके।
सीएम ने कहा, गरीब को न्याय देना सरकार की प्राथमिकता रही है। कच्ची बस्तियां मजबूरी में बसती हैं और बाद में उनमें मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाता है। राज्य में कच्ची बस्तियों के नियमन और वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार गंभीर है। महिला के नाम से पट्टा जारी करने का निर्णय भी हमने किया। उन्होंने कहा कि पट्टे जारी करने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान के अंतर्गत अब प्रत्येक वार्ड में सार्वजनिक स्थल पर दो दिवस के कैंप लगाए जाएंगे। हर सप्ताह में कलेक्टर एक बार नगर निकायों का दौरा कर इन कैंपो का निरीक्षण करेंगे और संभागीय आयुक्त भी इस पर निगरानी रखेंगे।
पट्टे जारी करने के लिए सरकार दे रही विशेष शिथिलताएं
मुख्यमंत्री ने कहा, अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार ने कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के नियमन किए जाने की कट ऑफ डेट को 1999 से बढ़ाकर दिसंबर 2021 किया है। कट ऑफ डेट तक विकसित कॉलोनियों को 70:30 अनुपात में रखकर ले-आउट प्लान स्वीकृत किया जा सकेगा। जिन कॉलोनियों में न्यूनतम 60 प्रतिशत भू-खंडों पर निर्माण होकर लोग बस चुके हैं, वहां पर सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 20 फीट सुनिश्चित करते हुए सर्वे के आधार पर पट्टे दिए जा सकेंगे। इसके अलावा कच्ची बस्तियों के भी पट्टों की कट ऑफ डेट 2009 से बढ़ाकर दिसंबर 2021 कर दी है, ताकि लोगों को पट्टा मिल सके। जहां पहले कच्ची बस्ती में 10 वर्ष तक पट्टा बेचने पर पाबंदी थी, अब इसे घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों की घनी आबादी में बने हुए पुराने मकानों का 501 रुपये में पट्टा देने के लिए धारा 69-ए में काफी शिथिलताएं दी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने लॉन्च की प्रशासन शहरों के संग अभियान वेबसाइट
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की वेबसाइट भी लॉन्च की। इस वेबसाइट पर अभियान से संबंधित विभिन्न आदेश, परिपत्र आदि उपलब्ध हैं। जिससे आमजन को एक जगह पर अभियान से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त हो सकेगी।