सपा नेताओं पर लगे छापों में 154 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी मिली

समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों पर उत्तर प्रदेश व कर्नाटक में छापों के दौरान आयकर विभाग ने करोड़ों के फर्जी लेनदेन और मुखौटा कंपनियों के जरिये करोड़ों की कीमत के शेयरों के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आयकर विभाग ने कहा कि 154 करोड़ की काली कमाई का पता चला है, जबकि 150 करोड़ के लेनदेन का कोई हिसाब-किताब नहीं है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने बताया कि सपा से जुड़े एक कंपनी के निदेशकों की 86 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित कमाई का पता चला। एक व्यक्ति ने 68 करोड़ रुपये की काली कमाई की बात कबूली और उस पर कर चुकाने का प्रस्ताव भी दिया। आयकर विभाग ने छापे में कई आपत्तिजनक कागजात और डिजिटल डाटा बरामद किए गए। इस दौरान इनके परिसरों से खाली बिल बुक, स्टांप, फर्जी सप्लाई के बदले दिए जाने वाले हस्ताक्षरित चेक मिले। हालांकि इन लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है।

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में निर्माण, रियल एस्टेट और शैक्षिक संस्थान चलाने वाले लोगों और उनके कारोबारी परिसरों पर 18 दिसंबर को छापे मारे गए थे। लखनऊ, मैनपुरी और मऊ, दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरु में जिन 30 स्थानों पर छापे पड़े थे, उनमें कोलकाता का एक एंट्री ऑपरेटर भी था।

हवाला लेनदेन के सुबूत भी मिले
अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता से जिस व्यक्ति को पकड़ा गया है, वह खातों में हेराफेरी करता था। उसने कई मुखौटा कंपनियां बनाईं और 408 करोड़ रुपये के फर्जी शेयर दिखाए। साथ ही इनके जरिये 154 करोड़ रुपये का फर्जी असुरक्षित ऋण दिखाया। इस दौरान हवाला लेन-देन के डिजिटल सुबूत भी सील किए गए है। इस व्यक्ति ने अपराध कबूल कर लिया है और बताया कि इसके बदले उसे पांच करोड़ रुपये का कमीशन मिला।

बेनामी कमाई को ठिकाने लगाने के लिए मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल
अधिकारियों ने बताया कि एक कंपनी पिछले कुछ साल के दौरान 150 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेन-देन का खाता प्रस्तुत नहीं कर पाई। पता चला कि मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल बेनामी कमाई को ठिकाने लगाने और निवेश के लिए किया जा रहा था। ऐसे 12 करोड़ के फर्जी निवेश का पता चला है। एक अन्य मुखौटा कंपनी में 11 करोड़ के अपरिभाषित निवेश और 3.5 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का पता चला।

इन सपा नेताओं के यहां पड़े थे छापे
सपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उसके प्रवक्ता राजीव राय, अखिलेश यादव के ओएसडी जितेंद्र यादव, कारोबारी राहुल भसीन, ठेकेदार मनोज यादव के ठिकानों पर छापे मारे गए। राय ने आरोप लगाया था कि ये छापे राजनीति से प्रेरित हैं।

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