बिहार के ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में:नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोताहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी पर कोई समझौता नहीं होगा क्योंकि शराब एक बुरी चीज है, जीवन को तबाह कर देती है। यहां उन्होंने गांधी मैदान से शराब, दहेज और बाल विवाह के खिलाफ राज्यव्यापी समाज सुधार अभियान की शुरुआत की।

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक सुधारों के बिना विकास अर्थहीन हो जाता है। साथ ही उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि राज्य में पहली बार शराबबंदी 1977 में हुई थी। शासन व्यवस्था में बदलाव के साथ शराब पर प्रतिबंध हटा दिया गया। 

शराबबंदी से बिहार के लोगों को कई गुना लाभ हुआ
लेकिन महिलाओं की मांग थी कि शराबबंदी फिर से लागू की जाए, इसलिए बंदी फिर से लागू की। इससे बिहार के लोगों को कई गुना लाभ हुआ है। बता दें कि नीतीश सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका विरोध भी हुआ था लेकिन शराबबंदी अभी भी जारी है।

शराब एक बुरी चीज
उन्होंने जनसभा में कहा कि हमने राज्य में शराबबंदी की शुरुआत की क्योंकि शराब एक बुरी चीज है। मैं जानता हूं कि राज्य में ज्यादातर लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि शराब जीवन को तबाह कर देती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमेशा शरारत करते हैं और वे ऐसे काम करते हैं जो हमारे सही कदम के खिलाफ जाते हैं। साथ ही कहा राज्य में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

दहेज न लेने वालों की शादी में जाएंगे सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर लोगों से विशेषकर महिलाओं से बाल विवाह, दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों और शराब के सेवन सहित सभी प्रकार के व्यसनों को मिटाने के लिए प्रयास करने का भी आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि वह केवल उन विवाह समारोहों में शामिल होंगे जहां निमंत्रण कार्डों पर दहेज न लेने के बारे में प्रमुखता से लिखा होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here