अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जायेगा दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम मोटेरा, राष्ट्रपति ने किया उद्‌घाटन

अहमदाबाद. गुजरात के अहमदाबाद में तैयार हुए दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम मोटेरा का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया. इस नए स्टेडियम का राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, खेल मंत्री किरेन रिजिजू और राज्य के डिप्टी सीएम नितिन पटेल मौजूद रहे. नई सुविधाओं और सजावट के साथ शुरू हुए इस स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच खेला जाना है.

दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे राष्ट्रपति कोविंद ने अपनी पत्नी के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लैव का भूमि पूजन किया. बीते साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मोटेरा स्टेडियम में एक संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित किया था.

भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में आज से शुरू होगा. यह एक डे-नाइट टेस्ट मैच होगा. नया स्टेडियम बनने के बाद पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा. भारत और इंग्लैंड के बीच आखिरी चौथा टेस्ट भी मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा, जिसके बाद दोनों टीमों के बीच पांच एकदिवसीय मैच होंगे. मोटेरा स्टेडियम को सरदार पटेल स्टेडियम के रूप में भी जाना जाता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. इसकी देखने की क्षमता एक लाख 10 हजार है.

अहमदाबाद स्थित यह स्टेडियम 63 एकड़ में फैला हुआ है. अब तक मेलबॉर्न को सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम कहा जाता था, जहां 90 हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं. खास बात है कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति स्टेच्यु ऑफ यूनिटी के बाद राज्य के पास दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम भी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस स्टेडियम की अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपए है. इस स्टेडियम का निर्माण लार्सन एंड टर्बो कंपनी ने किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के मोटेरा में सबसे बड़े स्टेडियम में ड्रीम प्रोजेक्ट में 76 कॉर्पोरेट बॉक्स हैं. यहां ओलंपिक के स्तर का स्विंमिंग पूल है, एक इंडोर एकेडमी है, एथलीट्स के लिए चार ड्रेसिंग रूम, फूड कोर्ट और जीसीए क्लब हाउस भी है.

इस स्टेडियम में 11 पिच तैयार की गई हैं. जिनमें से 6 लाल और 5 काली मिट्टी की हैं. खास बात है कि यह पहला स्टेडियम होगा, जहां दोनों तरह की पिचों का इस्तेमाल खेलने और प्रेक्टिस दोनों के लिए होगा. बारिश होने की स्थिति में पिच महज 30 मिनट में सूख जाएगी. साल 1982 में तैयार हुए इस स्टेडियम में शुरुआती समय में केवल 49 हजार लोगों के बैठने की क्षमता थी.

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