एमपी: पथ विक्रेता सम्मेलन में सीएम शिवराज ने खोला सौगातों का पिटारा

गांव और शहर में सड़क पर सामान बेचने वालों के पहचान पत्र बनाए जाएंगे। अलग-अलग जगह चिन्हिंत कर हॉकर्स कॉर्नर बनाए जाएंगे। पथ विक्रेता कल्याण बोर्ड का गठन होगा। यह घोषणाएं आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाल परेड मैदान, भोपाल में आयोजित ‘पथ विक्रेता महासम्मेलन’ में की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि पीएम स्व-निधि और मुख्यमंत्री पथ विक्रेता योजना इसलिए बनाई गई हैं ताकि हमारे पथ विक्रेता भाई-बहन आर्थिक रुप से सशक्त हो सकें। उन्होंने कहा कि मैंने तय कर दिया कि मध्यप्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होगी, ताकि गरीबों के बच्चे भी डॉक्टर और इंजीनियर बन सकें। मध्यप्रदेश की धरती पर किसी गरीब को बिना जमीन के नहीं रहने दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि मैं ये फैसला कर रहा हूं कि पथ विक्रेता भाई-बहनों द्वारा ₹50 हजार का ऋण बैंक को लौटाने पर उन्हें ₹1 लाख तक का ऋण भी दिया जाएगा। साथ ही हमने ये निर्देश दिए हैं कि अब कहीं भी तहबाजारी वसूल नहीं की जाएगी। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सम्मेलन में पथ विक्रेता भाई-बहनों के स्टॉल्स का अवलोकन कर विविध व्यंजनों का स्वाद लिया, चाय पी और उनसे संवाद भी किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में फुटपाथ पर स्टॉल लगाकर सामान बेचने वाले छोटे दुकानदार मौजूद थे।

कोविड महामारी के दौरान शहरी नगरीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग पथ विक्रेताओं को 10 हजार, 20 हजार एवं 50 हजार रूपये की कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान किये जाने के लिए भारत सरकार द्वारा पीएम स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि योजना जुलाई 2020 से प्रारंभ की गई है। अब तक 3 लाख 38 हजार से अधिक हितग्राही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना से लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह पीएम स्वनिधि योजना में 8 लाख 92 हजार से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।

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