भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार ने जहरीली और अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों से सख्ती से निपटने का फैसला लिया है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने कठोरतम दंड का प्रावधान करते हुए जहरीली शराब से जान जाने की स्थिती में दोषी को उम्रकैद या सजाए मौत देने का निर्णय लिया है. साथ ही जुर्माने की राशि भी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है.
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कहा था कि जहरीली शराब से लोगों की जान जाना अत्यंत गंभीर अपराध है. कानून में संशोधन कर अवैध शराब के कारोबार में लगे व्यक्तियों के लिए कठोरतम दंड का प्रावधान किया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को अवैध शराब और कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए आरोपियों को कठोरतम दंड दिए जाने पर जोर देते हुए कहा था कि तात्कालिक रूप से अवैध शराब के कारोबार में संलग्न व्यक्तियों पर कठोरतम कार्यवाही की जाए. इसमें विलम्ब बर्दाश्त नहीं होगा. पड़ोसी राज्यों से लाई जा रही अवैध शराब को रोकने के लिए सघन रूप से हर संभव प्रयास किए जाएं. इसके लिए संबंधित राज्यों से बातचीत करें.
मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिये कि डिस्टलरी से निकलने वाले ओ.पी. अल्कोहल के टैंकरों का शत-प्रतिशत आवागमन ई-लॉक सिस्टम के साथ हो. प्रदेश की कोई भी डिस्टलरी यदि ओ.पी. अल्कोहल के अवैध परिवहन में लिप्त पाई जाती है तो उसे तत्काल बंद किया जाए.
उन्होंने कहा कि अवैध शराब के कारोबार की जड़ों तक पहुंचने के लिए विशेष टीम गठित कर जांच आरंभ की जाए. इसे प्रदेश से पूरी तरह से समाप्त किया जाए. बैठक में जानकारी दी गई कि शराब की बोतलों पर लगने वाले होलोग्राम की कापी नहीं हो और इसका दुरुपयोग न हो, इसके लिए सिक्यूरिटी प्रिंटिंग कापोर्रेशन ऑफ इंडिया से क्यूआर कोड और ट्रैक एण्ड ट्रेस की व्यवस्था के साथ होलोग्राम बनवाये जाएंगे. इसमें बीस से पच्चीस सिक्यूरिटी फीचर्स होंगे.
गौरतलब हो कि बीते कुछ दिनों में राज्य में अवैध शराब बिक्री और जहरीली शराब के कई मामले सामने आ चुके हैं. इनमें कई लोगों की मौत भी हुई है. हाल ही में नकली शराब पीने से मंदसौर में कम से कम सात और इंदौर में चार लोगों की मौत हो गई थी.