मोदी से माफी मांगेंगे मुइज्जू! अचानक कैसे बैकफुट पर आया मालदीव

मालदीव की राजनीति इन दिनों दो देशों के बीच बंटकर रह गई है। देश का सत्ता पक्ष राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में चीन की तरफ नजर आता है। वहीं विपक्षी दल भारत समर्थक बताया जा रहा है। भारत और चीन इस कदम मालदीव की राजनीति में शामिल हो गए हैं कि सड़क से संसद तक चर्चाओं और हंगामे की वजह बने हुए हैं। मालदीव के विपक्षी दल जमूहरी पार्टी के नेता गासिम इब्राहिम ने राष्ट्रपति मुइज्जू से अपील की है कि वो औपचारिक तौर पर भारत और प्रधानमंत्री मोदी से माफी मांगे। पीएम मोदी से माफी मांगने की ये मांग तब उठी जब मोहम्मद मुइज्जू के देश की संसद में विरोध का सामना करना पड़ा है।

मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक नई दिल्ली में हुई। विदेश मंत्रालय में हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग, आर्थिक और विकास साझेदारी के क्षेत्र में साझेदारी को बेहतर बनाने और बढ़ाने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च 2024 तक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी,और 10 मई 2024 तक अन्य दो प्लेटफार्मों में सैन्य कर्मियों को बदलने का काम पूरा कर लेगी। इस बात पर सहमति हुई कि उच्च-स्तरीय कोर ग्रुप की तीसरी बैठक फरवरी के अंतिम सप्ताह के दौरान पारस्परिक रूप से सहमत तिथि पर माले में आयोजित की जाएगी।

जब से मालदीव की नई सरकार ने भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग की है। उसके बाद ये दूसरी उच्चरस्तीय बैठक है। जिसमें ये सहमति बनी है। आपको बता दें कि भारत विरोधी रुख अख्तियार करने वाले मुइज्जू चीन के साथ-साथ पाकिस्तान के भी चंगूल में फंसकर उसकी साजिशों का मोहरा बन रहे हैं। जो मालदीव के लिए खतरनाक साबित होगा।  

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