आजम खां से मिलने के लिए शनिवार को उनके आवास पर नेताओं की भीड़ लगी रही। सुबह बिजनौर के पूर्व विधायक और मेरठ से प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश सिद्धार्थ अपने समर्थकों के साथ आजम खां से मिलने पहुंचे। इस बीच मीडिया से बातचीत के दौरान मुकेश सिद्धार्थ ने कहा कि अखिलेश यादव हमारे नेता नहीं हैं, हमारे नेता मुलायम सिंह यादव हैं। अखिलेश जमीनी नेता नहीं हैं। वह सिर्फ कार में घूमते हैं। उन्होंने कोई आंदोलन नहीं किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट पार्टी के नेताओं को न देकर माफिया को दिया गया। यदि वे जमीनी नेता होते, तो निश्चित रूप से प्रदेश में सपा की सरकार बनती। पार्टी की जो नींव टिकी है, वह आजम खां और मुलायम सिंह के ऊपर ही है।
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र व पासपोर्ट मामले में हुई सुनवाई
रामपुर में स्वार विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र और दो पासपोर्ट के मामले में शनिवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें दो जन्म प्रमाणपत्र के मुकदमे में उनके पिता सपा विधायक आजम खां भी आरोपी हैं। लिहाजा, सीतापुर जेल से शुक्रवार को जमानत पर रिहा होने के बाद वह अब्दुल्ला के साथ कोर्ट पहुंच गए। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने पासपोर्ट मामले के गवाह से जिरह की। उनकी जिरह पूरी नहीं हो सकी है। अब जन्म प्रमाणपत्र के मामले में 26 मई और पासपोर्ट के मामले में 30 मई को सुनवाई होगी। दोनों ही मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
कोर्ट रूम में लड़खड़ाए आजम
डूंगरपुर प्रकरण के एक मामले में आजम खां एमपी-एमएलए कोर्ट सेशन ट्रायल (प्रथम तल) पर पहुंचे। आजम खां इस कोर्ट में करीब साढ़े बारह बजे पहुंचे। इस दौरान आजम खां को अचानक सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद कोर्ट रूम में कमजोरी सी महसूस हुई और वो लड़खड़ा गए। उनके साथ मौजूद अब्दुल्ला आजम और समर्थकों ने उन्हें संभाला। इसके बाद कुछ देर तक कुर्सी पर बैठा दिया, जहां उन्होंने आराम किया। उसके बाद उन्होंने मुकदमे की फाइल पर हस्ताक्षर किए। कोर्ट ने इस मामले में 15 जून की तारीख तय की है।