सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी है। शासन स्तर पर नगर निगमों में महापौर , पालिका परिषद और नगर पंचायत में अध्यक्ष की सीटों को नए सिरे आरक्षित करने की कवायद शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर सीटों को आरक्षित करते हुए दो दिनों में इसकी अनंतिम अधिसूचना जारी की जानी है। इससे पहले प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव से जुड़े अधिनियम में भी संशोधन करना होगा। शासन की यह भी कोशिश है कि आपत्तियों के निस्तारण के बाद 10 अप्रैल से पहले निकाय चुनाव कार्यक्रम जारी करने के लिए प्रस्ताव राज्य निर्वाचन को भेज दिया जाए।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने पूर्व में जारी आरक्षण की अधिसूचना और राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में दिए गए सुझावों के मिलान करने का काम शुरू कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि इस महीने के अंत तक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके एक सप्ताह में प्रस्तावित आरक्षण पर सुझाव एवं आपत्तियां मांगी जाएगी। इसके निस्तारण के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने के संबंध में प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह के पहले दो-तीन दिनों में ही आरक्षण पर मिले सुझावों पर आपत्तियों के निस्तारण का काम पूरा कर लिया जाएगा । ताकि आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जा सके। सूत्रों के मुताबिक 10 अप्रैल तक निकाय चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के लिए प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग के भेजने की तैयारी है।
बता दें कि निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू करते हुए नगर विकास विभाग ने सीटों का आरक्षण करते हुए 5 दिसंबर-2022 को अनंतिम अधिसूचना जारी की थी। आरक्षण की अंतिम अधिसूचना जारी होती, इससे पहले ट्रिपल टेस्ट के आधार पर सीटों का आरक्षण न होने पर ओबीसी कोटे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। हाईकोर्ट के आदेश पर आनन-फानन में पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया। चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। इससे स्पष्ट है कि आयोग की रिपोर्ट में उठाई गई आपत्तियों का भी निस्तारण करना होगा। ऐसे में स्पष्ट है कि दिसंबर-2022 में सीटों का हुआ आरक्षण अब पूरी तरह से बदल जाएगा।
नियमावली में संशोधन भी होगा
सूत्रों का कहना है कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों का आरक्षण करने के लिए नियमावली में संशोधन की जरूरत पड़ेगी। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश नगर निगम व नगर पालिका परिषद (स्थानों और पदों का आरक्षण व आवंटन) नियमावली-1994 के आधार पर सीटों का आरक्षण किया जाता है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर सीटों का आरक्षण करने के लिए इस नियमावली में प्रावधान की जरूरत पड़ेगी और इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी भी दिलाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर सरकार संविधान में दी गई व्यवस्था के मुताबिक ओबीसी सहित सभी वर्गों को निकाय चुनाव में आरक्षण देते हुए निकाय चुनाव कराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अगले दो दिनों के भीतर आरक्षण के संबंध में अधिसूचना जारी किया जाएगा। इसके बाद की प्रक्रिया को पूरी करते हुए चुनाव कराने के संबंध में प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग के भेजा जाएगा। -एके शर्मा, नगर विकास मंत्री