उत्तरप्रदेश के उन्नाव में अयोध्या के राममंदिर के लिए धन संग्रह करने वाले रामभक्त विनोद कश्यप की सोमवार को कालेखान, जुम्मेखान तथा उनके अन्य साथियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। मृतक ने शिवमन्दिर में रामभक्तों की बैठक बुलाई हुई थी। मन्दिर जाते समय वह जय श्रीराम के नारे लगा रहा था कि कालेखान व उसके साथियों ने इसपर आपत्ति की। तू-तू-मैं-मैं होने के बाद कालेखान ने विनोद कश्यप पर फायरिंग कर दी। शिव मंदिर में एकत्रित लोगों ने हमलावरों को रोकना चाहा जिसपर दोनों ओर से गुथ्थम-गुथ्था हुई। कश्यप की मौत के बाद हमलावर भाग खड़े हुए।
पहले पुलिस ने इस घटना को लूट का मामला कहकर दबाना चाहा लेकिन पुलिस की लीपापोती नहीं चली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विनोद कश्यप के पेट में पिस्तौल के छर्रे मिले। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को देखते हुए पुलिस मामले पर लीपापोती करने में जुटी है। कल ही हमने ऑल इंडिया मुस्लिम ज़मात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रिज़वी की अपील का ज़िक्र किया था और संदेह व्यक्त किया था कि मुस्लिम समाज पर उनकी अपील का सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। मौलाना की ज़मात के लोग सदा तशद्दुद फ़ैलाने और झगड़ा फसाद करने के मूड में रहते हैं, उन्हें इसका मौका मिलना चाहिए। उन्नाव की घटना भी इसी सोच का परिणाम है।
गोविन्द वर्मा