बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण झारखंड में बढ़ रही मुस्लिम आबादी: निशिकांत

झारखंड के गोड्डा से सांसद और भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने बुधवार को अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी अप्रवासियों को लेकर बड़ा दावा किया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने कहा कि अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी बदल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन राज्यों में एनआरसी लागू करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि मैं बतौर सांसद 15 साल में 100वीं बार यह मुद्दा उठा रहा हूं। 

बांगलादेशी घुसपैठियों के कारण कई जिलों में बढ़ रही मुस्लिम आबादी 
उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आते हैं और आदिवासियों से शादी करते हैं। खासकर गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज, देवघर और जामताड़ा जैसे जिलों में इस कारण मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। यह हिंदू-मुस्लिम मुद्दा नहीं है। यह आदिवासियों की बात है। उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी राज्य बिहार और पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है।

इस दौरान निशिकांत दुबे ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में बात करते हैं। झारखंड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरा राज्य झारखंड आदिवासी बहुल राज्य के रूप में बिहार से अलग हुआ था। 1951 में झारखंड में आदिवासियों की आबादी 36 प्रतिशत थी, लेकिन आज यह आंकड़े बदल चुके हैं। आज राज्य में केवल 24 प्रतिशत आदिवासी है। उन्होंने दावा किया कि झारखंड में आदिवासियों की आबादी कम हो गयी है।

दुबे ने कहा कि आदिवासियों की आबादी कम होने का नतीजा यह है कि पूरे देश में परिसीमन हो रहा है लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां 2008 में परिसीमन नहीं किया जा सका। क्योकि वहां परिसीमन हुआ तो इससे लोकसभा में एक आदिवासी सीट और विधानसभा में तीन आदिवासी सीटें कम हो जाएंगी।

बांग्लादेशियों के कारण झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी बदल रही
निशिकांत दुबे ने लोकसभा में बोलते हुए कहा कि जब ममता बनर्जी सांसद थीं तो उन्होंने कहा था कि बांग्लादेशियों के कारण बंगाल की जनसांख्यिकी बदल रही है। लेकिन जब से वह मुख्यमंत्री बनी हैं, तब से हालात और गंभीर हो गए हैं। आज मालदा, मुर्शिदाबाद और कालियाचक बांग्लादेशी घुसपैठियों से भरे हुए हैं। यही स्थिति बिहार के कटिहार, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और भागलपुर में भी है। यहां बांग्लादेशियों के कारण जनसांख्यिकी बदल रही है। 

एनआरसी लाना जरूरी
अपने संबोधन में उन्होंने एनआरसी की मांग भी की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एनआरसी लाना चाहिए और सभी बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर भेजना चाहिए।

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