मालदीव के साथ चल रहा तनाव, फिर भी भारत पहुंचाएगा आलू-चावल-प्याज

भारत और मालदीव के रिश्तों में यूं तो इन दिनों खटास चल रही है, लेकिन भारत दक्षिण एशिया क्षेत्र में अपने ‘बड़े भाई’ होने का फर्ज पूरा करने में जरा भी नहीं चूकता है. तभी तो रिश्तों में तीखापन आने के बावजूद भारत मालदीव के प्रति अपनी दरियादिली दिखाते हुए उसे कई जरूरी सामानों की आपूर्ति करेगा. इसमें मुख्य तौर पर खाने-पीने का सामान है. भारत ने इसके लिए मालदीव को लेकर लगाए गए एक्सपोर्ट बैन को शुक्रवार को खत्म कर दिया.

भारत सरकार वित्त वर्ष 2024-25 में मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी कुछ वस्तुओं को फिक्स क्वांटिटी में एक्सपोर्ट करेगा, क्योंकि उसने निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया है.

भारत सरकार का बड़ा फैसला

भारत में विदेशों के साथ होने वाले ट्रेड को वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली इकाई विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) रेग्युलेट करती है. डीजीएफटी ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव को इन वस्तुओं के एक्सपोर्ट (की अनुमति दी गई है.

डीजीएफटी ने कहा, ” मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, बजरी और नदी की रेत के निर्यात की अनुमति दी गई है. मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को किसी भी मौजूदा या भविष्य में लगने वाले बैन से छूट दी जाएगी.” आमतौर पर इन वस्तुओं के निर्यात पर या तो पूरी तरह प्रतिबंध है या सीमित निर्यात की अनुमति दी जाती है.

इतनी मात्रा में मालदीव जाएगा सामान

भारत ने इन सामानों के मालदीव को निर्यात के लिए उनकी मात्रा भी तय कर दी है. सरकार के हिसाब से इस साल भारत से मालदीव को आलू (21,513.08 टन), प्याज (35,749.13 टन), चावल (1,24,218.36 टन), गेहूं का आटा (1,09,162.96 टन), चीनी (64,494.33 टन), दाल (224.48 टन), बजरी (10 लाख टन) और नदी की रेत (10 लाख टन) एक्सपोर्ट की जाएगी.

भारत और मलेशिया के बीच ये व्यापार तब होगा, जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव दिख रहा है. मालदीव की नई सरकार के चीन को तवज्जो देने से भारत और उसके बीच की स्थिति खराब हुई है.

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